अपफ्रंट पेमेंट के रूप में मिलेंगे 500 करोड़ रुपये, 50 साल में मिलेगा एक लाख करोड़ का राजस्व

जयपुर, 25 जून। प्रदेश की पहली सोने की खान सोना उगलने के साथ ही राजस्थान में औद्योगिक निवेश, रोजगार और राजस्व के नए द्वार खोलेगी। भूकिया-जगपुरा की माइनिंग लीज की नीलामी से राज्य सरकार को ऑक्शन के साथ ही अपफ्रंट पेमेंट के रूप में तीन किश्तों में 500 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे, जिसकी पहली किश्त 15 दिन में 100 करोड़ के रूप में प्राप्त हो जाएगी।

खान सचिव आनन्दी ने बताया कि इस गोल्ड माइन में खनन कार्य शुरू होने के बाद मोटे अनुमान के अनुसार अगले 50 सालों में राज्य सरकार को प्रीमियम, रॉयल्टी, डीएमएफटी, एनएमइटी आदि के रुप में एक लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। केवल गोल्ड माइनिंग व प्रोसेसिंग से ही प्रदेश में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से करीब 50 हजार युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा।

माइंस विभाग ने बांसवाड़ा के भूकिया जगपुरा और कांकरिया-गारा में प्रदेश की पहली सोने की खानों के लिए 6 मार्च को ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की। माइनिंग लीज के लिए 16 मई को और कंपोजिट लाइसेंस के लिए 17 मई को निविदादाताओं ने बोली लगाई। मुख्य मंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में पहली सोने की खान की सफल नीलामी में 65.30 प्रतिशत प्रीमियम प्राप्त हुआ है।

खान सचिव आनन्दी ने बताया कि गोल्ड की इन खानों से सोने के साथ ही अन्य सह खनिज कॉपर, कोबाल्ट, निकल आदि भी प्राप्त होगा। इससे प्रदेश में ज्वैलरी उद्योग के साथ ही एरोस्पेस, इलेक्ट्रोनिक, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अप्रत्याशित अवसर विकसित होंगे। प्रदेश में सह खनिजों से जुड़ी इण्डस्ट्रीज के नए निवेश से राजस्व और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के विपुल अवसर विकसित होंगे।

आनन्दी ने बताया कि भूकिया जगपुरा गोल्ड माइंस की माइनिंग लीज के लिए की गई निविदा प्रक्रिया में तकनीकी रुप से पांच निविदादाता वित्तीय निविदा में बोली लगाने के लिए सफल रहे। इनमें रामगढ़ मिनरल्स एण्ड माइनिंग लिमिटेड कर्नाटक, हीराकुण्ड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड़ अहमदाबाद, जिन्दल पॉवर लिमिटेड छत्तीसगढ़, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड उदयपुर और सैयद ओवैस अली रतलाम ने वित्तीय निविदा में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि सैयद ओवैसी अली रतलाम ने सर्वाधिक 65.30 प्रतिशत प्रीमियम के साथ यह नीलामी अपने नाम कर ली है।

खान सचिव आनन्दी ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के क्षेत्र में सोने के विपुल भण्डार हैं। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भू-वैज्ञानिकों द्वारा इस क्षेत्र में तांबें की खोज के लिए किये जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण अयस्क के संकेत देखे गये। इस क्षेत्र में व्यापक एक्सप्लोरेशन के बाद 940.26 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आकलन किया गया है जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है। यहां स्वर्ण अयस्क के खनन के दौरान सह खनिज भी निकलेंगे।

निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि बांसवाड़ा घाटोल के ही कांकरिया-गारा में आंरभिक खोज के दौरान स्वर्ण अयस्क के संकेत मिलने पर यहां फर्दर एक्सप्लोरेशन के लिए कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-नीलामी की गई है। कांकरिया-जारा में 205 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 1.24 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क संभावित है। कांकरिया-जारा माइंस के लिए भी पांच प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है, जिस पर आवश्यक परीक्षण के बाद अंतिम निर्णय किया जाना है।