कोलकाता/ जूनागढ़ 17 दिसंबर। आयकर अधिनियम के तहत पुनः कर निर्धारण प्रावधानों में कई बदलाव हुए हैं, जो राजस्व के हित और करदाताओं के अधिकारों को संतुलित करने के सरकार के इरादे को दर्शाते हैं, यह बात 14 और 15 दिसंबर, 2024 को जूनागढ़ (गुजरात) में आयोजित ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (एआईएफटीपी) के 27वें राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने मुख्य अतिथि के रूप में कही। सम्मेलन को न्यायमूर्ति बी.डी. करिया, न्यायाधीश, गुजरात उच्च न्यायालय; गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सौमित्र सैकिया और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रणव त्रिवेदी ने भी सम्मानित अतिथि के रूप में संबोधित किया।
इस अवसर पर एआईएफटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण जैन ने कहा कि फेडरेशन तीन बुनियादी सिद्धांतों शिक्षा, नैतिकता और उत्कृष्टता के लिए काम करता है। पूरे भारत में इसके 11200 से अधिक वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स प्रैक्टिशनर हैं। जूनागढ़ के वकील समीर जानी को 2025 के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई गई। सीए एस वेंकटरमणी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। 2025 के लिए अन्य पदाधिकारियों में संतोष गुप्ता (महासचिव) और भास्कर पटेल (कोषाध्यक्ष) शामिल हैं। पूर्व अध्यक्ष पीसी जोशी, डॉ. के शिवराम, प्रेमलता बंसल, एम.एस. राव, निकिता बधेका, डीके गांधी, पंकज घीया ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार, सौरभ सोपारकर, कविन गुलाटी, डॉ. सीए गिरीश आहूजा, अधिवक्ता मुकेश पटेल, सीए अभय देसाई वक्ता थे। एडवोकेट विनायक पाटकर, एनवीपी, एडवोकेट आरडी काकरा (महासचिव), एडवोकेट भास्कर बी पटेल, सीए अनिल माथुर, टैक्सेशन एडवाइजर्स एसोसिएशन, जूनागढ़, गिर-सोमनाथ टैक्स बार एसोसिएशन, वेरावल और अन्य ने सम्मेलन को सफल बनाने में सक्रिय रूप से मदद की।