काठमांडू, 12 जनवरी। नेपाल के विदेश मंत्री एनपी साउद ने दावा किया है कि भारत के सहयोग से बन रही परियोजनाओं के कारण विदेश पलायन होने वाले नेपाली युवाओं की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा कि 6000 मेगावाट से अधिक की पंचेश्वर परियोजना और रक्सौल-काठमांडू रेलवे परियोजना की शुरुआत होते ही पलायन होने वालों की संख्या में भारी गिरावट आएगी।

बैतडी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री साउद ने कहा कि रोजगार के अवसर में कमी के कारण ही देश के युवा विदेश पलायन को मजबूर होते हैं। भारत के आर्थिक सहयोग से निर्माणाधीन अरूण थर्ड, अरूण सेकेंड, लोवर अरूण, वेस्ट सेती, अपर कर्णाली जैसी बड़ी जलविद्युत परियोजना से नेपाल के हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार का मौका मिला है।

विदेश मंत्री ने कहा कि देश में ही बड़ी परियोजनाएं चलने से युवाओं को देश में ही रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, इसलिए उनके विदेश पलायन में कमी आई है। साउद ने कहा कि परिवार का पेट भरने के लिए युवा विदेश जाने को मजबूर होते हैं और सबसे अधिक कष्ट तब होता है जब उधर से बक्से में बन्द होकर उनका शव आता है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि युवाओं को देश में ही रोजगार का अवसर दिलाये।

विदेश मंत्री साउद ने दावा किया कि भारत के सहयोग से नेपाल में सबसे बड़ी जलविद्युत पंचेश्वर परियोजना शुरू होने वाली है। इसके शुरू होते ही नेपाल की आर्थिक व्यवस्था का कायाकल्प हो जाएगा। विदेश मंत्री ने कहा कि साढ़े छह हजार मेगावाट की परियोजना में कम से कम 10 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता है।

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत के सहयोग से जल्द ही बिहार के रक्सौल से काठमांडू तक रेलवे प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास होने वाला है। उन्होंने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेंगे। उन्होंने विदेश पलायन के बारे में विचार कर रहे युवाओं से आग्रह किया कि वो देश में सृजित होने वाले रोजगार के अवसर को लेकर धैर्य रखें।