दो घंटे के अभ्यास में नजर आएगी भारत की वायु सेना की युद्धक क्षमता
राफेल लड़ाकू विमान पहली बार देश के भीतर ऑपरेशनल अभ्यास में हिस्सा लेगा
नई दिल्ली, 2 फरवरी । भारतीय वायु सेना भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक राजस्थान के पोकरण फायरिंग रेंज में 17 फरवरी को ‘वायु शक्ति’ अभ्यास करके अपनी युद्धक तथा प्रहार क्षमताओं को प्रदर्शित करेगी। इसमें कुल 77 लड़ाकू विमान, 41 हेलीकॉप्टर, 5 परिवहन विमान और 12 मानव रहित प्लेटफार्म भाग लेंगे। लड़ाकू विमान राफेल और प्रचंड हेलीकॉप्टर पहली बार देश के भीतर होने वाले अभ्यास में हिस्सा लेंगे। सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणाली समर का भी पहली बार इस अभ्यास में इस्तेमाल किया जायेगा।
भारतीय वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि हम इस अभ्यास में सेना की बंदूकें भी एयरलिफ्ट करेंगे। राफेल लड़ाकू जेट और अटैक हेलीकॉप्टर प्रचंड सहित सभी फ्रंटलाइन विमान वायु शक्ति अभ्यास में भाग लेंगे। यह अभ्यास 1954 से चल रहा है और हम इस अभ्यास में लक्ष्य पर सटीक बमबारी करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। भारत में निर्मित एलसीए तेजस और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर भी इस अभ्यास में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे।
एयर मार्शल एपी सिंह ने बताया कि दो घंटे तक चलने वाले इस अभ्यास के दौरान एक से दो किमी. के दायरे में लगभग 40-50 टन आयुध गिराएंगे। अभ्यास के दौरान सेना रुद्र हेलीकॉप्टर से हथियार दागेगी और सेना के अल्ट्रा लाइट होवित्जर को चिनूक हेलीकॉप्टर के नीचे लटका कर प्रदर्शित किया जाएगा।
सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणाली समर भी पहली बार अभ्यास में हिस्सा लेगी।
वायु सेना के उप प्रमुख ने बताया कि हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में राफेल की मीका मिसाइल और एलसीए तेजस से आर-73 मिसाइलें दागी जाएंगी। यह प्रति तीन वर्ष में एक बार आयोजित होने वाला त्रैवार्षिक अभ्यास है। इसका उद्देश्य पूर्ण स्पेक्ट्रम संचालन के लिए भारतीय वायुसेना की क्षमता का प्रदर्शन और विमान एवं हेलीकॉप्टर, परिवहन विमान एवं मानव रहित हवाई वाहनों की भागीदारी प्रदर्शित करना है। वायु शक्ति का अंतिम संस्करण फरवरी 2019 में आयोजित किया गया था। इसके बाद 2022 में 07 मार्च को जैसलमेर के पोकरण रेंज में होने वाला अभ्यास रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के चलते स्थगित कर दिया गया था।