बीकानेर, 20 दिसंबर। सरकारी विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर चल रहे शिक्षकों को वापस मूल पद पर भेजने के आदेश शिक्षा विभाग ने महज चौबीस घंटे में ही वापस ले लिए। इस आदेश के कारण बीकानेर संभाग के अनेक स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गए थे। दरअसल, पिछले सत्र में खुले नए विद्यालय और क्रमोन्नत विद्यालयों में शिक्षकों की व्यवस्था प्रतिनियुक्ति से ही की गई थी।

बीकानेर संभाग के संयुक्त निदेशक राजकुमार शर्मा ने अपने ही आदेश को रद्द कर दिया है। ऐसे में अब बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू और अनूपगढ़ के सरकारी विद्यालयों में डेपुटेशन पर काम कर रहे शिक्षकों को नहीं हटाया जाएगा। ये शिक्षक आगामी आदेश तक इन्हीं स्कूल्स में काम करते रहेंगे। बीकानेर शहर में तत्कालीन शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला ने कई नए प्राइमरी विद्यालयों शुरू किए थे। इन विद्यालय में ग्रेड थर्ड के शिक्षकों का प्रतिनियुक्त किया गया था, क्योंकि इस ग्रेड के शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं हुए थे। ऐसे में मोहता सराय स्थित स्कूल सहित अनेक विद्यालयों में सिर्फ प्रतिनियुक्ति के शिक्षक ही काम कर रहे हैं। अगर इन्हें हटा दिया जाता तो स्कूल बंद हो जाते।

इसी तरह बीकानेर के ग्रामीण विद्यालयों के सीनियर सैकंडरी विद्यालय में व्याख्याता के रिक्त पदों के कारण पढ़ाई नहीं हो रही थी। ग्रामीणों के आंदोलन के कारण शिक्षण व्यवस्था करते हुए लेक्चरर को पढ़ाने के लिए भेजा गया। संयुक्त निदेशक के आदेश की पालना होती तो ये सभी व्याख्याता भी हट जाते। ऐसे में सीनियर सैकंडरी स्कूल्स में भी पढ़ाई बाधित होती। अब इन व्याख्याता को भी रिलीव नहीं किया जाएगा।

किसने दिए थे आदेश?

शिक्षा विभाग में अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि संयुक्त निदेशक ने किस अधिकारी के निर्देश पर प्रतिनियुक्ति रद्द करने के लिए आदेश जारी किए थे। दरअसल, मौखिक दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए प्रतिनियुक्त रद्द किए गए। विभाग में अब तक शिक्षा मंत्री नहीं आया है। इसके बाद भी राजनीतिक स्तर पर फेरबदल का दौर शुरू हो गया है।