लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी समीकरण साधने में जुटी कांग्रेस

बिलासपुर जिले के राजेश धर्माणी व कांगड़ा जिले के यादवेंद्र गोमा बने कैबिनेट मंत्री

शिमला, 12 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक साल बाद पहली बार अपनी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई। दाेनों नेता इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के हैं। दोनों बीटेक और एमबीए की डिग्रीधारक हैं।

मंगलवार अपरान्ह राजभवन में आयोजित सादे समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बिलासपुर जिला के घुमारवीं से राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा को कैबिनेट मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नए मंत्रियों में सबसे पहले राजेश धर्मानी और उसके बाद यादवेंद्र गोमा ने शपथ ली। सुक्खू कैबिनेट में अब नौ मंत्री हो गए हैं। मंत्री का एक पद अब भी खाली है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उनके कैबिनेट सहयोगियों समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

कैबिनेट विस्तार में क्षेत्रीय व जातीय साधने की कोशिश

मुख्यमंत्री सुक्खू ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कैबिनेट विस्तार में दो मंत्री बनाकर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन भी साधने की कोशिश की है। राजेश धर्माणी को कैबिनेट में लेकर ब्राह्मण समुदाय में तरजीह मिली है। अब सुक्खू कैबिनेट में ब्राह्मण समुदाय से दो लोगों को प्रतिनिधित्व मिला है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी ब्राह्मण हैं। मंत्रिमंडल में यादविंदर गोमा को मंत्री बनाकर अनुसूचित जाति को तरजीह दी गई है। अभी सुक्खू कैबिनेट में शामिल धनीराम शांडिल भी अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं। वहीं क्षेत्रीय संतुलन की बात करें तो कैबिनेट विस्तार में हमीरपुर और कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों को तवज़्ज़ो मिली है। धर्माणी के मंत्री बनने से हमीरपुर संसदीय क्षेत्र सियासी तौर पर मजबूत होगी। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी इसी संसदीय क्षेत्र से हैं। वर्तमान में यहां से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सांसद हैं। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र को यादविंदर गोमा के रूप में दूसरा मंत्री मिला है। कांगड़ा जिला से लंबे समय से मंत्री बनाने की बात उठ रही थी। अभी कांगड़ा से चन्द्र कुमार कृषि मंत्री और चम्बा जिला से कुलदीप पठानिया विधायक स्पीकर हैं।

स्वच्छ छवि के राजनीतिज्ञ हैं मंत्री बनने वाले राजेश धर्माणी

51 वर्षीय राजेश धर्माणी बिलासपुर जिला से एकमात्र कांग्रेस विधायक हैं। वह तीन बार के विधायक हैं और पहली बार मंत्री पद से नवाजे गए हैं। राजेश धर्मानी स्वच्छ छवि के राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। एनआईटी हमीरपुर से बीटैक राजेश धर्मानी ने इग्नो से एमबीए की भी डिग्री हासिल की है। उनके परिवार में पत्नी व एक बेटी है। राजेश धर्माणी कांग्रेस संगठन में अहम पदों पर रहे चुके हैं। वह एआईसीसी में सचिव के अलावा उतराखंड के विधानसभा चुनाव में भी अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं। राजेश धर्माणी का सफर संघर्षपूर्ण रहा है। उन्होंने अपनी ईमानदार छवि के लिए जनता के बीच पहचान कायम की है। उन्होंने पहला चुनाव वर्ष 2007 में जीता और उसके बाद वर्ष 2012 के चुनाव में भी विजयी होकर जनता की सेवा की। हालांकि वर्ष 2017 के विस चुनाव में वह हार गए थे, लेकिन इस बार जनता ने उन्हें फिर से जीताकर विधानसभा भेजा है। राजेश धर्माणी ने अपने क्षेत्र घुमारवीं में शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ अन्य विकासात्मक योजनाओं पर ध्यान क्रेंद्रित किया था। वह एक स्वयंसेवी संस्था संवेदना के फाउंडर मैंबर भी हैं। यह संस्था गरीब बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाती है। इसके अलावा विधवाओं व उनके बच्चों को भी आर्थिक मदद प्रदान करती है।

यादवेंद्र गोमा को विरासत में मिली राजनीति

कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा के पिता मिल्खी राम गोमा भी विधायक रहे हैं। 37 वर्षीय यादवेंद्र गोमा का जन्म पालमपुर में हुआ। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद एमबीए की डिग्री ली। उनकी एक बेटी है। उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत युवा कांग्रेस से हुई। यादवेंद्र गोमा वर्ष 2010 से 2015 तक जयसिंहपुर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। वर्ष 2019 से 2021 तक वह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस एससी सेल के अध्यक्ष रहे। गोमा वर्ष 2012 के विस चुनाव में पहली बार विधानसभा पहुंचे। तब उनकी आयु महज 26 वर्ष थी और वह सबसे युवा विधायक थे।