शिमला, 4 अगस्त । हिमाचल प्रदेश में मानसून का असर लगातार गहराता जा रहा है। सोमवार को भी राज्य के कई हिस्सों में तेज बारिश दर्ज की गई। इससे सामान्य जनजीवन पर खासा असर पड़ा। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मंडी, कांगड़ा, शिमला व सोलन जिलों के कई स्थलों में भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है। मंडी जिले के कम से कम छह स्थानों पर भूस्खलन का ‘हाई’ खतरा है, जबकि बाकी जगहों पर ‘मॉडरेट’ और कांगड़ा जिले के बालदुन नूरपुर में ‘लो’ खतरा दर्ज हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंडी जिले के कोटरोपी, सन्धोल, घोड़ा फार्म-शलगी नॉर्थ कैंपस, ग्रिफॉन पीक-1, ग्रिफॉन पीक-5 और ग्रिफॉन पीक-10 पर ‘हाई’ खतरे की चेतावनी है, जबकि बाकी स्थानों जैसे शिमला जिला के जतोग, सोलन जिला के डगशाई और कांगड़ा जिला के धर्मशाला आदि में ‘मॉडरेट’ खतरा बताया गया है। मंडी के गोधा फार्म-2 की निगरानी प्रणाली काम नहीं कर रही है और विश्‍वकर्मा मंदिर मंडी में सिस्टम न होने के कारण मौसम डेटा के आधार पर ‘हाई’ खतरे की संभावना जताई गई है।

भूस्खलन से 265 सड़कें बंद, मंडी में सर्वाधिक 155 सड़कें प्रभावित

प्रदेश में सोमवार शाम तक एक नेशनल हाईवे समेत 265 सड़कें भूस्खलन और भारी बारिश के कारण बंद रहीं। अकेले मंडी में 155 सड़कें प्रभावित हुईं। कुल्लू जिले में एनएच-305 समेत 67 सड़कें और कांगड़ा में 23 सड़कें बंद रहीं। बिजली और पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। मंडी में 22 ट्रांसफार्मर और 86 पेयजल योजनाएं ठप हो गईं, जबकि कांगड़ा में 120 और हमीरपुर में 27 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं।

छह जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं हमीरपुर, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा। 6 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर में, 7 अगस्त को शिमला और सिरमौर में तथा 8 अगस्त को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भी भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा। 9 व 10 अगस्त को मौसम खराब बना रहेगा लेकिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।

सोलन के कसौली में सबसे ज्यादा वर्षा

बीते 24 घंटों में सोलन जिले के कसौली में सर्वाधिक 80 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बिलासपुर के नैना देवी और जोगेंद्रनगर में 60-60, मनाली में 50, हमीरपुर के मैहरे में 40, कांगड़ा के गुलेर में 30, मंडी के पंडोह व करसोग और शिमला के सराहन में 30-30 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

भारी बारिश से अब तक 192 मौतें, 464 घर पूरी तरह ध्वस्त

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में अब तक प्रदेश भर में 192 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मंडी में 42, कांगड़ा में 30, शिमला, कुल्लू और चंबा में 18-18, सोलन में 13, हमीरपुर में 12, ऊना व किन्नौर में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 5 मौतें दर्ज की गई हैं।

भारी वर्षा व भूस्खलन से 1692 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 464 पूरी तरह से ढह चुके हैं। मंडी जिले में 1089 घरों को नुकसान पहुंचा है और इनमें से 391 पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। इसके अलावा 298 दुकानें और 1524 पशुशालाएं भी ध्वस्त हुई हैं।

अब तक 28 बार फटे बादल, 54 बार आया फ्लैश फ्लड

इस सीजन में अब तक 54 बार फ्लैश फ्लड, 28 बार बादल फटने और 48 बार भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। अकेले मंडी जिले में 12 भूस्खलन, 11 फ्लैश फ्लड और 16 बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। प्रदेश भर में अब तक कुल 1753 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक 888 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 618 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।