नई दिल्ली, 2 अगस्त। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने आज कहा कि अंगदान जीवन का कीमती उपहार है और यह एक परोपकारी, समतावादी और अनिवार्य रूप से नैतिक कार्य है, लेकिन लोगों में जागरुकता की कमी के कारण आज अंग प्रत्यारोपण के लिए जरुरतमंद लोगों को काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एक आदमी आठ लोगों के जीवन को बचा सकता है। इसलिए इसे जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है।

जेपी नड्डा ने अंतरराष्ट्रीय अंबेडकर सेंटर में राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन द्वारा आयोजित 15वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर ‘अंगदान- जीवन संजीवनी अभियान’ को संबोधित करते हुए कहा कि आज अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता बढ़ रही है। हर साल हजारों लोगों को अंग प्रत्यारोपण के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। अंगदान करने वालों और अंग प्रत्यारोपण कराने वालों की संख्या में भारी अंतर दिखाई देता है। अंगदान करने में आज भी लोग काफी पीछे हैं। इसका कारण लोगों में इसको लेकर जागरुकता का अभाव है। इसके साथ समाज में व्याप्त धारणाएं भी हैं। आज का दिन और यह समारोह हर अंगदान करने वाले व्यक्ति के महान कार्य को सम्मानित करने और लोगों में जागरुकता फैलाने का है।

उन्होंने बताया कि 2023 में आधार कार्ड पर आधारित राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन की वेबसाइट लॉन्च होने के बाद करीब 3 लाख से अधिक लोगों ने अंग दान करने के लिए शपथ ली है। यह दर्शाता है कि लोगों में जागरुकता बढ़ रही है। भारत में साल 2024 में 18900 प्रत्यारोपण किए गए। यह एक साल में किए गए प्रत्यारोपण की सबसे अधिक संख्या है। साल 2013 में देश में 5000 ट्रांसप्लांट हुआ था। इसके साथ भारत अंग प्रत्यारोपण में वैशिवक स्तर पर तीसरा देश बन गया है और दिल के प्रत्यारोपण में सबसे आगे हैं। केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि लाइफ स्टाइल से बीमारियां बढ़ रही हैं। इसके कारण अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता भी बढ़ रही है। इस मौके पर नड्डा ने सभी लोगों को अंगदान करने की शपथ दिलाई। इस मौके पर कई अंगदान करने वाले व्यक्तियों के परिवारों को सम्मानित किया गया। इसके साथ उन राज्यों को भी सम्मानित किया गया जो अंगदान के लिए अच्छा काम कर रहे हैं।