
शिमला, 02 अगस्त । हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार रात से लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। ऊना जिले में स्वां नदी उफान पर है, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। ऊना शहर में कई जगहों पर दुकानों और घरों में बरसाती पानी घुस गया है और सड़कें जलभराव के कारण बंद हो गई हैं। स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने ऊना जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों, आईटीआई, प्रशिक्षण संस्थानों और आंगनवाड़ी केंद्रों में आज 2 अगस्त को अवकाश घोषित किया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और सतर्क रहें।
पौंग डैम से भी छोड़ा जा सकता है पानी, अलर्ट पर टीमें
कांगड़ा जिले के पौंग डैम में जलस्तर 1365 फीट तक पहुंच गया है। इससे किसी भी समय पानी छोड़ा जा सकता है। प्रशासन ने इंदौरा और पंजाब के होशियारपुर क्षेत्र के लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। बचाव और राहत के लिए स्वयंसेवकों की टीम तैयार रखने, स्थानीय युवक मंडलों को सतर्क रहने और मछुआरों तथा गोताखोरों की टीमों को किश्तियों सहित तैनात करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
मनाली से केलंग और रोहतांग जाने वाली सड़कें अवरुद्ध
कुल्लू जिला की विख्यात पर्यटन नगरी मनाली के ऊपरी क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी है। मनाली-केलंग सड़क अटल टनल के समीप वाहनों की आवाजाही के लिए बाधित है।
वहीं मनाली-रोहतांग-केलंग मार्ग भी बंता मोड़ के पास भूस्खलन से बंद है।
दोनों मार्गों को बहाल करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
कुल्लू में फ्लैश फ्लड, मलाणा पावर प्रोजेक्ट का कॉफर डैम टूटा
कुल्लू जिले की पार्वती घाटी में अचानक आई बाढ़ से शुक्रवार शाम मलाणा-1 जल विद्युत परियोजना द्वारा बनाया गया कॉफर डैम आंशिक रूप से टूट गया। इस घटना में एक हाइड्रा मशीन, एक डंपर, एक रॉक ब्रेकर और एक कैंपर या कार पानी में बह गई। हालांकि राहत की बात यह है कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। लगातार बारिश के चलते पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ गया है और आसपास के क्षेत्रों में खतरा और भी बढ़ गया है। कुछ अस्थायी पुलों के बह जाने और कई सड़कों के टूटने की खबर भी सामने आई है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है।
लाहौल-स्पीति में भी फ्लैश फ्लड, सड़कें बंद
लाहौल-स्पीति जिले के जिस्पा के पास ग्रेफ कैंप के नजदीक फ्लैश फ्लड की वजह से केलांग-दारचा-सारचू-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सड़क बहाली में जुटा हुआ है। इस घटना में भी किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन इलाके में डर का माहौल है।
कई जिलों में बारिश जारी, मौसम विभाग का येलो अलर्ट
चंबा, कांगड़ा, शिमला, सिरमौर, सोलन, हमीरपुर और मंडी जिलों में भी बारिश लगातार जारी है। मौसम विभाग ने 5 अगस्त तक प्रदेश में कई जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, आज 2 अगस्त को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी वर्षा की चेतावनी है, 3 अगस्त को चंबा, कांगड़ा और सिरमौर में, 4 अगस्त को लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य जिलों में और 5 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर में अलर्ट रहेगा।
सड़कें, बिजली और पानी की योजनाएं प्रभावित
लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण पूरे प्रदेश में शुक्रवार देर शाम तक लगभग 283 सड़कें बंद थीं, जिनमें मंडी और लाहौल-स्पीति के एक-एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। इसके अलावा 314 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
मानसून सीजन में 176 मौतें, 36 लापता
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार इस मानसून सीजन में 20 जून से अब तक बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 176 लोगों की मौत हो चुकी है, 281 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग लापता हैं। सबसे ज्यादा मौतें मंडी जिले में (35) हुई हैं, इसके बाद कांगड़ा (28), कुल्लू (18), चंबा (17), शिमला (15), सोलन (12), हमीरपुर, किन्नौर और ऊना (11-11), बिलासपुर (8), लाहौल-स्पीति (6) और सिरमौर (4) में हुई हैं।
मॉनसून में 28 बार फटा बादल, 46 जगह आया फ्लैश फ्लड
अब तक बादल फटने की 28, फ्लैश फ्लड की 47 और भूस्खलन की 42 घटनाएं हो चुकी हैं। बारिश से 1526 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 443 पूरी तरह ढह गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान मंडी में हुआ, जहां 1073 घर प्रभावित हुए और 386 घर पूरी तरह तबाह हो गए। प्रदेश को अब तक मानसून से करीब 1678 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।