काठमांडू, 11 दिसम्बर। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड ने रूसी सेना में नेपाली युवाओं के सम्मिलित होने पर चौंकाने वाला खुलासा किया है। पिछले हफ्ते रूसी सेना के तरफ से युद्ध लड़ रहे में 6 नेपाली युवाओं की मौत की खबर आने के बाद प्रधानमंत्री के तरफ से यह खुलासा किया गया है।
माओवादी पार्टी मुख्यालय में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने कहा कि रूस और युक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद 200 से अधिक नेपाली युवा रूसी सेना में शामिल होने की जानकारी सरकार के पास है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश भी दे दिए हैं। पिछले दिनों रूस युक्रेन युद्ध में रूसी सेना के तरफ से लड़ते हुए 06 नेपाली युवाओं की मौत की खबर के बाद सरकार ने जांच का आदेश दिया था। पुलिस ने इस मामले में 50 से अधिक पासपोर्ट सहित करीब दर्जन भर लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
पार्टी कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने कहा कि नेपाली नागरिकों को भारत और यूके के अलावा किसी भी देश की सेना में भर्ती होने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद 200 से अधिक की संख्या में नेपाली युवा रूस की सेना में भर्ती होकर युक्रेन के साथ युद्ध में लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में सरकार ने रूसी प्रशासन और काठमांडू स्थित रूसी राजदूत के साथ समन्वय कर नेपाली नागरिकों की वापसी का प्रयास कर रही है। प्रचण्ड ने बताया कि विदेश मंत्रालय लगातार रूसी प्रशासन के संपर्क में है और नेपाली नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता से उनको अवगत करा दिया है।
प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने यह भी खुलासा किया कि रूस के तरफ से युद्ध लड़ रहे कई नेपाली नागरिक इस समय युक्रेन में बन्दी का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान युक्रेन के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले जिन रूसी सैनिकों को युक्रेन ने बन्दी बनाया है, उनमें नेपाली नागरिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सकुशल रिहाई के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। प्रचण्ड ने बताया कि इसके लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ ही युक्रेन सरकार से भी बन्दी बनाए गए नेपाली नागरिकों की रिहाई का औपचारिक आग्रह किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के नेपाल भ्रमण के दौरान सरकार के तरफ से इस मामले में पहल करने का आग्रह भी किए जाने की जानकारी प्रधानमंत्री ने दी है।