कोलकाता, 27 जुलाई। श्रीमद्भागवत कथा वेदों का पका हुआ फल है, इसीलिए इसमें इतनी मिठास है इसे शुकदेव मुनि रूपी तोते ने चोंच लगाई है । यह कथा साक्षात् भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप है।मनुष्य जीवन मिला है तो इसका श्रवण करो।ऐसा करोगे तो यहां भी सुखी रहोगे और वहां भी।जब भगवान की कृपा होती है तो कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है। इसमें जीवन के सूत्र मिलेगे जो आपकी समस्या, शंका और प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे। सुख चाहते हो तो ठाकुर के चरणों में समर्पित हो जाओ और उनका भजन करो।अनेक जन्मों के सत्कर्म से भगवान मिलते हैं।भगवान की कृपा से संत मिलते हैं और संत कृपा से कथा सुनने का सौभाग्य मिलता है।पूर्व शक्ति, ज्ञान और आनंद चाहते हो तो भगवान का भजन करो।सत्, चित्त और आनंद का नाम है श्रीकृष्ण। कथा सुनो तो भगवान से उनकी भक्ति की याचना करो।जीवन मिला है तो कम से कम दो घंटा ठाकुर की सेवा के लिए दो।

ये बातें सीताराम-श्याम सुंदर लोहिया परिवार के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज ने कही।कथा के मुख्य यजमान माला-ओम प्रकाश लोहिया ने व्यासपीठ का पूजन किया।आशीष लोहिया ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन पुरुषोत्तम तिवारी ने किया।इस अवसर पर मुरारीलाल दीवान, सीमा सुरक्षा बल,पूर्वी क्षेत्र के कमांडेंट मनोज राय,सज्जन सिंघानिया, शकुंतला दीवान, बबीता दीवान, द्वारिका प्रसाद पोद्दार, प्रभात पंसारी, द्वारिका प्रसाद अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।