
कोलकाता, 26 जुलाई ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगामी 31 जुलाई को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में दुर्गा पूजा समितियों के साथ एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक करेंगी। यह बैठक कोलकाता और आसपास के इलाकों की पूजा समितियों के लिए आयोजित की जा रही है, जिसमें इस वर्ष पूजा अनुदान को बढ़ाकर एक लाख किए जाने की संभावना जताई जा रही है। पिछले साल राज्य सरकार ने 85 हजार रुपये प्रति समिति का अनुदान दिया था, जो उससे पहले 70 हजार था।
राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में मुख्यमंत्री न सिर्फ वित्तीय सहायता पर चर्चा करेंगी, बल्कि दुर्गा पूजा के दौरान सामाजिक सौहार्द बनाए रखने पर भी विशेष ज़ोर देंगी। माना जा रहा है कि इस बार पूजा आयोजकों को विभिन्न समुदायों—हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और सिख—के दो-दो प्रतिनिधियों को बैठक में शामिल करने का निर्देश दिया गया है। इसका मकसद दुर्गा पूजा को सभी धर्मों का साझा उत्सव बताकर सौहार्द्र का संदेश देना है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में भी इस बैठक के मायने अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इस लिहाज से उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री पूजा समितियों को अतिरिक्त सुविधाओं या रियायतों की घोषणा भी कर सकती हैं। काशी बोस लेन दुर्गा पूजा समिति के महासचिव सौमेन दत्ता ने बताया, “पिछले साल मुख्यमंत्री ने अनुदान बढ़ाने का वादा किया था, हमें उम्मीद है कि इस बार वह घोषणा की जाएगी। साथ ही बिजली बिल में भी कुछ छूट की उम्मीद है।”
बैठक में राज्य के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी, कोलकाता नगर निगम, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य, परिवहन और पुलिस विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। हर साल की तरह इस बार भी यह बैठक दुर्गा पूजा के दौरान बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कमी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। इस बार दुर्गा पूजा 28 सितंबर से दो अक्टूबर तक आयोजित होगी।
हालांकि हर समिति इस अनुदान को स्वीकार नहीं कर रही है। मध्य कोलकाता की संतोष मित्रा स्क्वायर पूजा समिति के आयोजक और भाजपा पार्षद सजल घोष ने साफ कर दिया है कि वे राज्य सरकार से कोई भी आर्थिक सहायता नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, “हम हर साल की तरह इस बार भी कोई अनुदान नहीं लेंगे। सरकार को सार्वजनिक धन का उपयोग त्योहारों के बजाय विकास कार्यों के लिए करना चाहिए।”