
पश्चिम सिंहभूम, 26 जुलाई। पश्चिमी सिंहभूम जिले में शुक्रवार रात से हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिले की प्रमुख नदियां जैसे रोरो नदी, देव नदी, नदियां और अन्य छोटी-बड़ी धाराएं उफान पर हैं। कई स्थानों पर नदियों का पानी पुलों के ऊपर से बहने लगा है। इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डाल कर उन पुलों को पार कर रहे हैं, जिससे बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है।
टोंटो प्रखंड के टोपाबेड़ा और टोंटो गांव के बीच बहने वाली देव नदी में बाढ़ के कारण कई ग्रामीण टापू जैसे क्षेत्र में फंसे हुए हैं। नदी का जलस्तर अचानक इतना बढ़ गया कि दोनों गांवों के बीच संपर्क पूरी तरह कट गया है। तेज बहाव के कारण नाव या वैकल्पिक व्यवस्था भी संभव नहीं हो पा रही है। स्थानीय लोग सहायता के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई राहत कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
चाईबासा शहर का भी बुरा हाल है। पुराने चाईबासा क्षेत्र की कई बस्तियों में पानी घरों में घुस गया है। लोगों का दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और सामान पूरी तरह भीग चुका है। बिजली आपूर्ति कई क्षेत्रों में बाधित है।
जैतगढ़ स्थित बेतरणी नदी के पुल के नीचे मिट्टी कट गई है और सोनूआ जैसे इलाके भी जलजमाव की चपेट में हैं। खेतों में पानी भर गया है, जिससे किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट होने की कगार पर हैं। सड़कों पर पानी बहने के कारण कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।
स्थिति की गंभीरता के बावजूद अब तक स्कूल बंद करने की कोई घोषणा नहीं की गई है।
जिले के कुछ क्षेत्रों में पुलों पर बाढ़ का पानी बह रहा है। बावजूद इसके, लोग मजबूरीवश या जल्दबाजी में इन्हीं पुलों से गुजर रहे हैं। प्रशासन ने चेतावनी जारी की है।