कोलकाता, 16 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि 2021 में सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी ने अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर अपना पुराना रुख पूरी तरह बदल लिया है।

मालवीय ने दावा किया कि कभी लोकसभा में खड़े होकर ममता बनर्जी ने खुद पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ को ‘आपदा’ बताया था। उन्होंने याद दिलाया कि चार अगस्त 2005 को ममता बनर्जी ने लोकसभा में कहा था, “बंगाल में घुसपैठ अब एक आपदा बन गई है… मेरे पास बांग्लादेशी और भारतीय दोनों मतदाता सूची है। यह बहुत गंभीर विषय है, मैं जानना चाहती हूं कि इस पर सदन में कब चर्चा होगी?”

लेकिन अब, मालवीय के अनुसार, 20 साल बाद भी ममता बनर्जी ने वह कथित बांग्लादेशी मतदाताओं की सूची संसद में नहीं सौंपी है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ममता बनर्जी क्या छिपा रही हैं?

इसके साथ ही, मालवीय ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर ममता बनर्जी की टिप्पणी का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि जिन मुद्दों पर कभी उन्होंने खुद आवाज़ उठाई थी, अब उन्हीं को राजनीतिक लाभ के लिए नज़रअंदाज़ कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अब अवैध घुसपैठियों का बचाव कर रही हैं, जिससे लोकतंत्र को चोट पहुंच रही है और बंगाल के असली मतदाताओं के अधिकार छीन लिए जा रहे हैं।

उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में 17 लाख से अधिक डुप्लीकेट वोटर हैं और इस मुद्दे को भाजपा दो बार चुनाव आयोग के सामने उठा चुकी है।

मालवीय ने यह टिप्पणी ममता बनर्जी की उस रैली के बाद की, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर अन्य राज्यों में बंगाली भाषी लोगों को ‘बांग्लादेशी घुसपैठिया’ कहकर परेशान किए जाने के खिलाफ विरोध जताया था।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मालवीय ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को बंगाली साबित करने की कोशिश कर रही हैं, जो बंगाल की सांस्कृतिक विरासत का अपमान है।

उन्होंने कहा कि सच्चे बंगाली कभी इस खतरनाक और सुनियोजित सांस्कृतिक थोपने को स्वीकार नहीं करेंगे। ममता बनर्जी की यह साजिश हर मोर्चे पर नाकाम होगी। बंगाल की पहचान कोई राजनीतिक सौदा नहीं है।

मालवीय ने अंत में कहा कि आगामी एक अगस्त से शुरू हो रहे विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम से भले ही क्या सामने आए, लेकिन 2026 में बंगाल की जनता ममता बनर्जी को जवाब देगी और उन्हें हराएगी।