मालदह, 16 जुलाई। काम की तलाश में पश्चिम बंगाल के मालदह जिले के चांचल ब्लॉक से पंजाब के लुधियाना गए छह प्रवासी मजदूरों की रिहाई के लिए अब प्रशासनिक स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। वर्तमान में ये सभी मजदूर लुधियाना सेंट्रल जेल में बंद हैं। मंगलवार को उनकी रिहाई को लेकर मालदह जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाई है।

मालदह जिला वेलफेयर कमिटी के सदस्य और जिला परिषद के उप सभाधिपति रफीकुल हुसैन खुद बेलपुकुर गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और मजदूरों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इस सिलसिले में उन्होंने राज्य प्रवासी श्रमिक कमिटी के चेयरमैन समीरुल इस्लाम को भी सूचित किया है।

मालदह के चांचल-1 ब्लॉक अंतर्गत बेलपुकुर गांव के छह मजदूर, जाकिर हुसैन, रईहान आलम, कुर्बान अली, आजम अली, मिंजार अली और मुक्तार आलम, कुछ समय पहले काम की तलाश में लुधियाना गए थे। सभी एक होटल में मांस काटने का काम करते थे।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि मांस काटने के दौरान कुछ आपत्तिजनक गतिविधि देखने के बाद उन्होंने इन मजदूरों को पकड़ लिया और जमकर पिटाई की। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया और इन छह मजदूरों को गिरफ्तार कर लिया गया। परिजनों का आरोप है कि गिरफ्तार करने के साथ-साथ पुलिस ने भी मजदूरों के साथ मारपीट की है।

मजदूरों की गिरफ्तारी और मारपीट की खबर मिलते ही उनके परिवारों में चिंता और भय का माहौल है। परिजनों ने सरकार से अपील की है कि उनके बच्चों को तत्काल वापस लाया जाए। इन परिवारों का कहना है कि बिना किसी ठोस अपराध के उनके परिजनों को फंसाया गया है।

मालदह जिला प्रशासन ने इस मामले में पहल करते हुए संबंधित अधिकारियों के साथ संपर्क साधा है। जिला स्तर पर प्रयास जारी हैं ताकि कानूनी प्रक्रिया पूरी कर मजदूरों को जल्द से जल्द रिहा करवाया जा सके।