
कोलकाता, 14 जुलाई। कोलकाता पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे सिर्फ कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ही नहीं, बल्कि जरूरत पड़ने पर मानव जीवन की रक्षा के लिए भी हर मोर्चे पर तैयार रहते हैं। रविवार दोपहर को हुगली नदी में डूबते हुए छह नाबालकों को कोलकाता पुलिस के एएसआई मानिक दे ने अद्भुत साहस और सूझबूझ दिखाते हुए सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
दरअसल, रविवार को करीब 2:45 बजे कोलकाता के एनएस डॉक के पास हुगली नदी में गश्त कर रहे एएसआई मानिक दे ने देखा कि छह किशोर नदी की तेज़ धार में एक मोटे थर्मोकॉल के टुकड़े के सहारे बहते जा रहे हैं। हालत बेहद गंभीर थी। सभी लड़के डूबने की कगार पर थे और किसी भी पल बड़ा हादसा हो सकता था। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए एएसआई मानिक दे ने बिना देर किए लांच के कर्मचारियों को सूचना दी और स्वयं बचाव कार्य में जुट गए। तत्काल शुरू हुई कार्रवाई के चलते करीब तीन बजे तक सभी छह किशोरों को सुरक्षित बचा लिया गया।
बचाव के बाद पूछताछ में पता चला कि सभी लड़के मेटियाब्रुज इलाके के रहने वाले हैं। वे सुबह बेछाली घाट पर नहाने आए थे। नहाते वक्त उनमें से एक लड़का तेज़ बहाव में बहने लगा। उसे बचाने के लिए बाकी पांच लड़के थर्मोकॉल के एक बैग के सहारे नदी में कूद पड़े, लेकिन वे भी बहाव की चपेट में आकर लगातार उत्तर दिशा की ओर बहते गए। लड़के डर और घबराहट में थे, और केवल थर्मोकॉल का टुकड़ा पकड़ कर खुद को किसी तरह बचाए हुए थे।
बचाव के बाद बच्चों को आरटीपी ऑफिस ले जाया गया। वहां से विमेन एंड पुलिस प्रोटेक्शन सर्विस (डब्लूपीपीएस) से संपर्क कर एक ज़िम्मेदार अधिकारी को मौके पर बुलाया गया। इसके बाद डब्लूपीपीएस ने बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें सुरक्षित रूप से उनके परिवारों को सौंप दिया।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन ने बेहद संवेदनशीलता और मानवीय व्यवहार का परिचय दिया। बच्चों की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें ढांढस बंधाया गया और हर संभव सहायता दी गई।