
राजस्थान के चूरू में दुर्घटनाग्रस्त जगुआर जेट के दोनों पायलटों को गंभीर चोटें आईं
नई दिल्ली, 09 जुलाई । राजस्थान के चूरू में बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए जगुआर फाइटर प्लेन को मिलाकर इस साल अब तक वायु सेना के पांच विमान क्रैश हो चुके हैं। सिर्फ 4 महीने में 3 जगुआर जेट क्रैश हो चुके हैं। ये घटनाएं पुराने जगुआर बेड़े और इसकी परिचालन सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं। माना जा रहा है कि चूरू में क्रैश हुआ विमान डेरिन-III अपग्रेडेड वेरिएंट है। इसके अलावा लड़ाकू विमान मिराज और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 भी इसी साल दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
इस साल वायु सेना के फाइटर प्लेन दुर्घटनाग्रस्त होने की पहली घटना मध्यप्रदेश के शिवपुरी के पास हुई थी। ग्वालियर एयर बेस से 6 फरवरी को रूटीन फ्लाइंग के लिए उड़ान भरने वाला मिराज-2000 दुर्घटना का शिकार हो गया था। यह एयरक्राट मिराज का ट्रेनर वर्जन था। इस घटना में दोनों पायलट सुरक्षित इजेक्ट हो गए थे। इसी साल 7 मार्च को वायु सेना के 2 विमान हादसे हुए। एक घटना हरियाणा में हुई तो दूसरी पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में हुई। हरियाणा में तकनीकी खराबी के बाद जगुआर को दुर्घटना का शिकार होना पड़ा। इस एयरक्राफ्ट ने अंबाला एयर बेस से उड़ान भरी थी। उड़ान के कुछ देर बाद ही फाइटर प्लेन पंचकूला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए विमान को आबादी वाले इलाके से दूर ले जाकर क्रैश कराया, जिससे किसी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई।
इसी दिन पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में भारतीय वायु सेना का ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 आपात लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया। इस हादसे में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। चालक दल के सभी सदस्य बाल-बाल बच गए। रूस निर्मित मध्यम लिफ्ट सामरिक विमान एंटोनोव-32 (एएन-32) को 80 के दशक के प्रारंभ में शामिल किया गया था और लगभग 100 विमान वायु सेना में सेवारत हैं। इस साल का चौथा विमान हादसा 2 अप्रैल को हुआ, जब गुजरात के जामनगर में ट्विन सीटर फाइटर जेट जगुआर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें एक पायलट की मौत हो गई, दूसरा घायल हो गया।
जामनगर एयरफील्ड से दो सीटर जगुआर विमान रात में 10.20 बजे रात्रि मिशन के लिए उड़ान भर रहा था। इसी दौरान पायलटों को तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा और उन्होंने विमान को आबादी क्षेत्र से बाहर निकालने की पहल की, ताकि एयरफील्ड और स्थानीय लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे। इस दौरान पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव की मौत हो गई थी, जबकि दूसरे पायलट को जामनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए वायु सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं।
इस साल का पांचवां विमान हादसा आज राजस्थान के चूरू में हुआ है, जहां जगुआर जेट के दुर्घटनाग्रस्त होने पर दोनों पायलटों को गंभीर चोटें आई हैं। भारतीय वायु सेना के पास जगुआर डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक फाइटर के 6 स्क्वाड्रन हैं। जगुआर मुख्य रूप से ग्राउंड अटैक और सामरिक हमलों के लिए इस्तेमाल होता है।
वायु सेना ने एक बयान में कहा कि एक जगुआर ट्रेनर विमान आज राजस्थान के चूरू के पास एक नियमित प्रशिक्षण मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना में दोनों पायलटों को गंभीर चोटें आईं। किसी भी नागरिक संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की गई है।
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