
कोलकाता, 9 जुलाई । ट्रेड यूनियनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद का पश्चिम बंगाल में मिला-जुला असर देखने को मिला है। बंगाल के कई हिस्सों में भारत बंद को लेकर ट्रेड यूनियनों और वामपंथी संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, गिरफ्तारियां और सड़क व रेल अवरोध की घटनाएं भी सामने आईं। हालांकि कई जगहों पर यातायात साधन सामान्य रूप से चलते रहे।
रायगंज, बागडोगरा, बालुरघाट, चोपड़ा, मालदा, सिलीगुड़ी और जलपाईगुड़ी में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। कई जगहों पर दुकानें बंद रहीं, जबकि कुछ स्थानों पर स्कूल और वाहन सामान्य रूप से चले। नक्सलबाड़ी में तृणमूल और माकपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई, वहीं मालदा के चांचल में भी पुलिस और बंद समर्थकों के बीच टकराव हुआ।
हावड़ा के डोमजुड़ में सुबह से ही माकपा समर्थक सड़कों पर उतर आए। उन्होंने बसों और ट्रकों को रोकने की कोशिश की, स्थानीय दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया और चालकों को जबरन वाहन से उतारने का प्रयास किया। स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस तथा रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) ने लाठीचार्ज कर हालात पर काबू पाया। इस दौरान दो माकपा कार्यकर्ता घायल हुए जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। इसी तरह आसनसोल में वामपंथी संगठनों और तृणमूल समर्थकों के बीच खुला टकराव देखने को मिला। वाम समर्थकों ने जहां वाहनों को रोकने की कोशिश की, वहीं तृणमूल की ट्रेड यूनियन शाखा आईएनटीटीयूसी ने दुकानें खुलवाने और सामान्य जनजीवन बनाए रखने के लिए सड़कों पर रैली निकाली। इस दौरान दोनों पक्षों में तीखी बहस और धक्का-मुक्की भी हुई।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता ने कहा कि हम केन्द्र सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। नेता ने सवाल करते हुए कहा कि ममता बनर्जी इस बंद को विफल करने की कोशिश क्यों कर रही हैं?
आईएनटीटीयूसी अध्यक्ष रितब्रत बनर्जी ने कहा, “हड़ताल कोई समाधान नहीं है। यह कार्यदिवसों की बर्बादी है और मजदूरों को नुकसान पहुंचाती है।”
रेलवे ट्रैक जाम करने की कोशिश राज्य के विभिन्न जिलों दुर्गापुर, लालगोला, बैरकपुर, डायमंड हार्बर, कोन्नगर, जलपाईगुड़ी, रायगंज, कूचबिहार, और दिनहाटा में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक जाम करने की कोशिश की। पुलिस और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) ने ट्रैकों को खाली कराया। कूचबिहार में स्थिति सबसे ज्यादा तनावपूर्ण रही, जहां माकपा के जिला सचिव अनंत रॉय, महानंद साहा, एसयूसीआई नेता नेपाल मित्रा समेत कई वामपंथी नेताओं को गिरफ्तार किया गया। दिनहाटा में पुलिस ने एसयूसीआई की रैली को पांचमाथा मोड़ से पहले ही रोक दिया और 29 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
वाम समर्थकों ने जुलूस निकाला दक्षिण कोलकाता के जादवपुर में पुतला दहन के दौरान एक दुकान में आग लग गई और एक पुलिसकर्मी का जूता भी जल गया। गांगुलीबागान, बाघाजतीन स्टेशन, जादवपुर स्टेशन पर वाम समर्थकों ने जुलूस निकाला और प्लेकार्ड लेकर नारेबाजी की। हालांकि प्रशासन ने रेल यातायात को बाधित नहीं होने देने का दावा किया है। वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और डीवाईएफआई के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता विश्वविद्यालय के बाहर और कॉलेज स्ट्रीट में प्रदर्शन किया। टायर जलाने की कोशिश में पुलिस से हाथापाई हुई। बेलघरिया के बीटी रोड पर प्रवर्तक जूट मिल के पास भी बंद समर्थकों ने गाड़ियों के रास्ते में अवरोध डाला।
उद्योग पर पड़ा असरपश्चिम बंगाल में बंद का सबसे ज्यादा असर उद्योग पर पड़ा है। हावड़ा से लेकर हुगली के बांसबेड़या तक करीब नौ जूट मिलो में बुधवार सुबह से ही ताला लग गया। उधर उत्तर 24 परगना में भी मौजूद जूट और कॉटन मिल बंद रहीं। मिल में मजदूरों की संख्या कम होने की वजह से मैनेजमेंट ने खुद ही बंद का नोटिस चिपकाया।
राष्ट्रीय चटकल मजदूर यूनियन के नेता अवनीश दुबे ने दावा करते हुए बताया कि भारत बंद का व्यापक असर पश्चिम बंगाल में रहा है। यहां के लगभग हर एक कल कारखाने में बुधवार को बंदी रही है और इसके लिए जबरदस्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है, क्योंकि लोगों ने खुद ही इस बंद को सफल किया है।
उत्तर बंगाल में परिवहन सामान्य
उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम (एनबीएसटीसी) चेयरमैन पार्थ प्रतिम रॉय ने उत्तर बंगाल में परिवहन सामान्य रहने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि सारा दिन सड़कों पर सरकारी और निजी बसें भी चली हैं। बंद को देखते हुए अतिरिक्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई थी।
वहीं राज्य के परिवहन सचिव सौमित्र मोहन ने अधिसूचना जारी कर सभी सार्वजनिक व निजी परिवहन ऑपरेटरों, जिनमें राज्य परिवहन उपक्रम शामिल हैं, को बुधवार को सामान्य सेवाएं संचालित करने का निर्देश दिया था।
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