काठमांडू, 7 जुलाई । नेपाल मेडिकल एसोसिएशन (एनएमए) द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के बाद आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूरे नेपाल में चिकित्सा सेवाएं आज से बंद कर दी गई हैं।

यह विरोध उपभोक्ता अदालतों के हालिया फैसलों के जवाब में शुरू किया गया, जिसके बारे में डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने चिकित्सा नैतिकता और पेशेवर आचरण की देखरेख करने वाले वैधानिक नियामक निकाय नेपाल चिकित्सा परिषद (एनएमसी) के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है। आज से शुरू हुई देशव्यापी हड़ताल चिकित्सा समुदाय और न्यायपालिका के बीच हफ्तों से बढ़ते तनाव के चलते है।

हाल के फैसलों में, उपभोक्ता अदालत ने चिकित्सा लापरवाही के मामलों में पर्याप्त मुआवजे का आदेश दिया, जिनमें काठमांडू के ओम अस्पताल को 50 लाख रुपये, हिमालय अस्पताल और इसमें कार्यरत डॉक्टरों को एक करोड़ 45 लाख रुपये जुर्माना लगाया था। इसी तरह ग्रांडी सिटी अस्पताल और उसके चिकित्सकों को रोगियों के संबंधित परिवारों को 57 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। उपभोक्ता अदालत ने डॉक्टरों और अस्पताल की लापरवाही से मरीजों की हुई मौत के बाद अस्पताल और डॉक्टरों पर भरी भरकम जुर्माना लगाने के विरोध में ही आज से हड़ताल का आह्वान किया गया है।

एनएमए के महासचिव ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार ऐसा कानून लाए जिससे डॉक्टरों और अस्पताल को लेकर इस तरह का कोई भी फैसला लेने का अधिकार सिर्फ मेडिकल काउंसिल को ही दिया जाना चाहिए। एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि यदि उसकी मांगों को विधायी संशोधन के माध्यम से पूरा नहीं किया जाता है तो वह विरोध को और बढ़ा सकता है।