
कोलकाता, 3 जुलाई 2025: मानवता के प्रति समर्पण और संवेदना के प्रतीक, चिकित्सा क्षेत्र के कर्मयोगियों को सम्मानित करने का एक भावपूर्ण आयोजन, “समर्पण चिकित्सा सेवा सम्मान 2025 सह सेमिनार”, कोलकाता के पार्क व्यू सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में आयोजित किया गया। समर्पण ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में डाक्टर्स डे के प्रेरक व्यक्तित्व, डा. विधानचंद्र राय को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले डाक्टरों को सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि, कोलकाता के प्रख्यात सीए और कोलकाता थंडरबोल्ट्स के पवन पाटोडिया ने अपने उद्बोधन में कहा, “हमारा पड़ोसी मुल्क चिकित्सा के लिए कोलकाता पर निर्भर है। भारत के शहरी क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं संतोषजनक हैं, किंतु ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति आज भी चिंताजनक है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में डाक्टरों की संख्या लगभग 15 लाख है, जो सैन्य बल (12 लाख) से अधिक है, फिर भी डाक्टरों को वह सम्मान नहीं मिलता, जिसका वे वास्तव में हकदार हैं। उनके शब्दों ने उपस्थित लोगों में चिकित्सकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना को और गहरा किया।
विशिष्ट अतिथि बिमल बेंगानी और राजेश सोंथलिया ने भी अपने विचारों से आयोजन को समृद्ध किया। बेंगानी ने जहाँ डाक्टर और रोगी के बीच विश्वास और आंतरिक संबंधों की विशिष्टता पर बल दिया वहीं सोंथलिया ने चिकित्सीय उपलब्धियों की गरिमामयी परंपरा को याद किया।
समारोह में चिकित्सा क्षेत्र की विभिन्न विशेषज्ञताओं से जुड़े डॉ. राहुल जैन, डॉ. अरिंदम मुखर्जी, डॉ. तरूण जिंदल, डॉ. पल्लवी प्रिया, डॉ. आर.के. जैन तथा डॉ. शिल्पा भरतिया को उनकी असाधारण चिकित्सकीय कुशलता के लिए “समर्पण चिकित्सा सेवा सम्मान 2025” से नवाजा गया। समर्पण ट्रस्ट के अध्यक्ष दिनेश बजाज और ट्रस्टी एन.के. अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारियों ने सम्मान स्वरूप अंग वस्त्र और स्मृति चिह्न भेंट कर डाक्टरों का अभिनंदन किया।
आयोजन के अंतर्गत “बदलते समाज में डाक्टर और रोगी के बीच विश्वास की नई परिभाषा” विषय पर विचारोत्तेजक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रख्यात बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. वी.के. भरतिया ने की। सेमिनार में डाक्टरों ने चिकित्सा क्षेत्र के व्यावसायीकरण पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे डाक्टर और रोगी के बीच अविश्वास की खाई बढ़ रही है। डिजिटल युग में रोगियों के पास चिकित्सा संबंधी जानकारी का खजाना तो है, परंतु आधी-अधूरी जानकारी कई बार नुकसानदायक सिद्ध होती है। संवादहीनता की स्थिति को सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए डाक्टरों ने रोगी और चिकित्सक के बीच पारदर्शी संवाद की आवश्यकता पर बल दिया।
समर्पण ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रदीप ढेडिया ने कहा, “यह वार्षिक आयोजन उन चिकित्सा योद्धाओं को सम्मानित करने का एक सार्थक प्रयास है, जो न केवल रोगों का उपचार करते हैं, बल्कि अपनी संवेदनाओं से मानव जीवन को स्पर्श करते हैं।” उन्होंने बताया कि समर्पण ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य, अध्यात्म और भाषाई उत्थान के क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है, और डाक्टरों को वे “इस धरती पर ईश्वर का स्वरूप” मानते हैं।
कार्यक्रम का कुशल संचालन त्रकार श्री प्रकाश चंडालिया ने किया, जबकि वरिष्ठ पत्रकार डा. जयप्रकाश मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोक ढेडिया, पंकज भालोटिया, मनीष बजाज, रजीत भूतोड़िया, अमन ढेडिया, आनंद ढेडिया, संजय रूंगटा, प्रदीप अग्रवाल, विशाल अग्रवाल, भगवती प्रसाद सराफ, अभिषेक गुप्ता, यशपाल भवसिंहका तथा अपोलो अस्पताल के मार्केटिंग मैनेजर विशाल अग्रवाल आदि का विशेष योगदान रहा।