
नई दिल्ली, 2 जुलाई । ओडिशा के गंजाम जिले में दो दलित युवकों के साथ हुई कथित बर्बरता के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजकर दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
मीडिया में इस घटना की खबर आने के बाद एनएचआरसी ने इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना है। आयोग ने कहा है कि अगर रिपोर्ट में बताई गई बातें सही निकलती हैं, तो यह एक गंभीर अपराध है। एनएचआरसी ने राज्य सरकार से यह भी कहा है कि वह रिपोर्ट में बताए कि आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? और पीड़ितों को कोई मुआवजा दिया गया है या नहीं?
उल्लेखनीय है कि ओडिशा के गंजाम जिले के खारीगुम्मा गांव में 26 जून को बुलु नायक और बाबुला नायक नाम के दो दलित युवक गाय खरीदकर अपने गांव सिंगीपुर लौट रहे थे। तभी रास्ते में कुछ ग्रामीणों ने उन्हें मवेशी तस्करी के शक में पकड़ लिया। इसके बाद उनके साथ बेहद अमानवीय व्यवहार किया गया। दोनों को न केवल बेरहमी से पीटा गया, बल्कि उन्हें अपमानित भी किया गया। ग्रामीणों ने उनके मोबाइल फोन छीन लिए, उन्हें घास खाने और नाले का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर किया। उनका आधा सिर भी जबरन मुंडवा दिया गया और घुटनों के बल करीब दो किलोमीटर तक चलवाया गया।