खूंटी, 2 जुलाई ।  क्या आप खूंटी से तोरपा-सिमडेगा की ओर जा रहे हैं, तो जरा सावधान हो जाएं। खूंटी से तोरपा आप किसी भी मार्ग पर जाएं, हर ओर खतरा ही खतरा है। पिछले 15 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जिले की सड़कों की स्थिति बद से बदतर कर दी है। सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढों में गंदा पानी भरा रहने के कारण अंदाजा लागना मुश्किल हो जाता है कि कहां पर गड्ढा है और कहा नहीं। इस कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसका सबसे अधिक शिकार दो पहिया वाहन वाले हो रहे हैं।

खूंटी से तोरपा जाने का मुख्य मार्ग बाबा आम्रेश्वर धाम और डोड़मा होकर(केटीके रोड) है, पर गत 19 जनवरी को हुई मूसलाधार बारिश के कारण पेलौल गांव के पास बनई नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया।

इसके कारण इस सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप है। लोग कुंजला से जुरदाग-गम्हरिया होकर तोरपा और सिमडेगा की ओर जाते हैं, पर यात्री और माल वाहक वाहनों के अलावा ट्रकों का इस रोड पर चलने से सड़़क जानेलवा हो गई है। हर जहग जाम की स्थिति बनी रहती है।

खूंटी से तोरपा जाने का एक और मार्ग बाला मोड़-कर्रा होकर है, पर इस रास्ते पर कांटी पुल और एक अन्य स्थान पर बना डायवर्सन भी खतरनाक हो चुका है। एक अन्य वैकल्पिक मार्ग बिचना से सारिदकेल होकर खूंटी जाने का है, पर उसकी स्थिति भी बद से बदतर हो चुकी है।

तोरपा-मुरहू के बीच धंसी सड़क

लगातार और भारी बारिश के कारण खूंटी से कुमांग होकर मुरहू जाने वाली सड़क रामजय गांव के पास आधी धंस चुकी है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि टूटी सड़क की तुरंत मराम्मत नहीं कराई गई, तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि तीन-चार वर्ष पहले ही तोरपा से कुमांग तक करोड़ों रुपये की लागत ये इस सड़क का निर्माण कराया गया था, पर सडक पर सैकड़ों बड़े-छोटे गड्ढे बन गए हैं। रामजय के अलावा अन्य कई जगहों पर भी सड़क धंसने के कगार पर है।

मरम्मत का काम शुरू हो गया है: कार्यपालक अभियंता

तोरपा-मुरहू मार्ग पर सड़क के धंसने के संबंध में पूछे जाने पर ग्रामीण विकास विभाग खूंटी के कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार झा ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और वहां मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। दो दिन पहले वहां मिट्टी डाली गई थी, पर बारिश के कारण वह बह गई। उन्होंने कहा कि वहां बॉल्डर डालने का काम भी शुरू हो गया। कार्यपालक अभियंता ने कहा कि जहां पर सड़क धंसने की शिकायत आई है, उस जमीन का मालिक काम करने ही नहीं देता है।