भाेपाल, 28 जून । इंदौर-देवास हाईवे पर अर्जुन बड़ौदा गांव के पास 24 घंटे से अधिक समय तक लगा भीषण जाम जानलेवा साबित हुआ। जाम में फंसे तीन लोगों की जान चली गई। गुरुवार शाम से शुरू हुआ जाम शुक्रवार देर रात तक जारी रहा। इससे अफरातफरी मच गई और सड़क व यातायात प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। जाम का मुख्य कारण हाईवे पर चल रहा निर्माण और भारी बारिश से जलभराव था। ट्रैफिक को संकरी सर्विस लेन पर डायवर्ट किया गया, जिससे जाम की स्थिति बन गई और घंटों तक वाहन फंसे रहे।

इंदौर-देवास रोड पर 8 किमी के लम्बे जाम में 4 हजार से ज्यादा गाड़ियां फंस गईं। इस दौरान कमल पांचाल (62), शुजालपुर के बलराम पटेल (55) और गारी पिपल्या गांव के संदीप पटेल (32) की मौत हो गई। दो को हार्ट अटैक आया, जबकि एक पेशेंट की अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गई। मृतकों में सैटेलाइट टाउनशिप, बिजलपुर के किसान कमल पंचाल (62) भी शामिल हैं, जो अपने बेटे और बहू के साथ अपनी बहन के शोक समारोह में शामिल होने जा रहे थे। परिवार की कार अर्जुन बड़ौदा के पास उनकी कार जाम में डेढ़ घंटे तक फंसी रही। जहां पंचाल को घबराहट और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। पंचाल आखिरकार बेहोश हो गए और देवास के एक निजी अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। दोपहर को उनका शव इंदौर लाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। परिजन का कहना है कि जाम हटाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। यहां अक्सर जाम लगता है। बारिश के दिनों में तो और भी फजीहत हो जाती है।

दूसरी माैत शुजालपुर के कैंसर रोगी बलराम पटेल (55) की हुई। परिजन बलराम पटेल काे इलाज के लिए इंदौर जा रहे थे और उनके पास दो ऑक्सीजन सिलेंडर थे। देवास पहुंचने से पहले एक सिलेंडर खत्म हो गया और दूसरा भी ट्रैफिक की वजह से खत्म हो गया। हालांकि उन्हें चोइथराम अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत के बाद शव लेकर लौटने में भी परिवार के लोग एक घंटे तक जाम में फंसे रहे।

इसी तरह गारी पिपलिया निवासी संदीप पटेल (32) को कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ा और घंटों तक ट्रैफिक में फंसे रहने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। संदीप के चाचा सतीश पटेल ने बताया कि गुरुवार, 26 जून की शाम संदीप के सीने में दर्द उठा था। इस पर वे उसे मांगलिया स्थित अस्पताल ले जाने के लिए निकले थे। पास में रेलवे ब्रिज का काम चल रहा है, वे जाम में फंस गए। सिंगापुर टॉउनशिप के रास्ते से निकलने की कोशिश की तो वहां भी लम्बा जाम लगा था। बमुश्किल वहां से निकलकर मांगलिया पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताकर इंदौर ले जाने की सलाह दी। इंदौर जाने के दौरान तलावली चांदा और देवास नाके पर जाम में 3 घंटे तक फंसे रहे। इससे संदीप की जान चली गई।

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन समस्या के प्रति उदासीन बना हुआ है, यातायात पुलिस अंतहीन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही है। उन्होंने आपातकालीन प्रतिक्रिया की कमी और भारी यातायात भीड़ पर गुस्सा व्यक्त किया।

लोगों के अनुसार कई स्कूल बसें भी जाम में फंस गईं। उनके परिजन किसी प्रकार बाइक लेकर पहुंचे और अपने बच्चों को वापस घर लेकर पहुंचे। खास बात ये है कि इतना भीषण जाम लगने के बाद भी मौके पर नाम मात्र के ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौजूद रहे। पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में घोर कोताही बरती। शुक्रवार देर रात तक वाहनों का धीरे-धीरे निकलना शुरू हो सका। इस मामले में डीएसपी उमाकांत चौधरी का कहना है “निर्माण, बारिश और कीचड़ के कारण नेशनल हाईवे पर जाम लगा। ट्रैफिक पुलिस ने हालात संभाले।

जाम की गंभीर स्थिति को देखते हुए देवास शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को पत्र लिखा है। उन्होंने मुख्य पुल के निर्माण से पहले सर्विस रोड बनाने की मांग की है, ताकी ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्ग मिल सके। राजानी ने कहा कि जब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं होता, तब तक टोल टैक्स की वसूली भी रोकी जाए। राजानी ने देवास कलेक्टर ऋतुराज सिंह को भी इस पत्र की कॉपी भेजी है और मौजूदा हालात को देखते हुए तत्काल समाधान की मांग की है।

इधर, इंदौर में मानसून सत्र के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर शुक्रवार शाम को कलेक्टर आशीष सिंह ने संबंधित विभागों की बैठक ली। बैठक में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), आईएमसी, यातायात पुलिस और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को मानसून के दौरान शहर और राजमार्गों पर निर्बाध यातायात सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अधिकारियों से कहाकि, जाम की आशंका वाले स्थानों पर तत्काल और स्पष्ट कार्रवाई होनी चाहिए। विभागों के बीच समन्वय पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। बैठक में तय हुआ कि बारिश के मौसम में चालानी कार्रवाई नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने राष्ट्रीय राजमार्ग और शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू बनाने के निर्देश दिए। कहा कि वर्षाकाल में किसी भी हालत में ट्रैफिक बाधित नहीं हो, जाम न लगे।

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