
कोलकाता, 6 जून । पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष एक साथ एक राजनीतिक थ्रिलर फिल्म ‘कर्पूर’ में नजर आने वाले हैं। यह फिल्म वर्ष 1997 के कोलकाता की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर आधारित है, जब राज्य में माकपा के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा सत्ता में था।
फिल्म की कहानी एक महिला विश्वविद्यालय अधिकारी की रहस्यमयी गुमशुदगी के इर्द-गिर्द बुनी गई है। यह फिल्म प्रसिद्ध पुस्तक ‘अंतर्धानेर नेपथ्ये’ (गायब होने के पीछे) पर आधारित है, जिसमें एक सच्ची घटना से प्रेरित प्रसंगों का उल्लेख किया गया है।
इस फिल्म का निर्देशन अरिंदम सिल कर रहे हैं। उनके अनुसार, ‘कर्पूर’ एक गंभीर राजनीतिक थ्रिलर है, जिसकी कहानी पूरी तरह काल्पनिक है और इसका किसी भी वास्तविक घटना या व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है।
फिल्म में कुणाल घोष एक राजनेता की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि ब्रात्य बसु कोलकाता पुलिस के होमिसाइड विभाग के एक अनुभवी अधिकारी के किरदार में नजर आएंगे। निर्देशक ने बताया कि बसु के किरदार को विशेष रूप से उन्हीं को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है।
अरिंदम सिल ने कहा, “कुणाल घोष की कैमरे के सामने सहजता, बातचीत का अंदाज़ और उनकी राजनीतिक समझ ने उन्हें इस भूमिका के लिए स्वाभाविक रूप से उपयुक्त बना दिया।”
फिल्म में लोकप्रिय अभिनेत्री ऋतुपर्णा सेनगुप्ता गायब हुई विश्वविद्यालय अधिकारी की भूमिका निभा रही हैं।
कहानी के अनुसार, अधिकारी की गुमशुदगी के 22 साल बाद एक न्यूज पोर्टल के दो खोजी पत्रकार इस मामले की पड़ताल शुरू करते हैं और एक-एक कर कई चौंकाने वाले रहस्यों से पर्दा उठता है। फिल्म अगले महीने फ्लोर पर जाएगी।
कुणाल घोष ने हाल ही में स्क्रिप्ट रीडिंग सेशन की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की और लिखा, “नई फिल्म कर्पूर। निर्देशक अरिंदम सिल स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं। यह मेरी पहली रिहर्सल थी। एक अभिनेता के रूप में यह मेरे लिए नया अनुभव है। बेहतरीन पटकथा।”