झुंझुनू, 03 दिसंबर। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के तीन जिलों सीकर, झुंझुनू, चूरू की कुल 21 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 14 भाजपा को 6 व बसपा को एक सीट मिली है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 15 भाजपा को चार बसपा को एक वह एक निर्दलीय को मिली थी। हालांकि इस बार के चुनाव में जहां कांग्रेस को एक सीट का नुकसान हुआ है। वहीं भाजपा को दो सीटों का फायदा हुआ है। सीकर जिले की 8 विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने सीकर, नीमकाथाना, दातारामगढ़, लक्ष्मणग, फतेहपुर सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं भाजपा ने खंडेला, श्रीमाधोपुर, धोद विधानसभा क्षेत्र में जीत का प्रथम लहराया है। राजस्थान की सबसे अधिक हॉट सीट माने जाने वाली लक्ष्मणगढ़ सीट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया को 164 हजार 180 मतों से हराकर चौथी बार विधायक बने हैं। दो दिग्गज जाट नेताओं के मुकाबला के कारण पूरे राजस्थान की नजर इस सीट पर बनी हुई थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री व कई बार विधायक का चुनाव जीत चुके कांग्रेस प्रत्याशी महादेव सिंह खंडेला को उनकी परंपरागत खंडेला सीट पर चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में आए भाजपा प्रत्याशी सुभाष मील ने 42 हजार 763 वोटों से हरा दिया है। सीकर सीट पर पूर्व मंत्री राजेंद्र पारीक ने भाजपा के रतनलाल जलधारी को 30 हजार 038 वोटों से हरा दिया है। दातारामगढ़ सीट पर माकपा के राज्य सचिव अमराराम की जमानत जप्त हो गई है।

झुंझुनू जिले की मंडावा विधानसभा सीट पर झुंझुनू के मौजूदा भाजपा सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ को कांग्रेस की मौजूदा विधायक रीटा चौधरी ने 18 हजार 717 वोटो से हरा दिया है। वही झुंझुनू सीट पर परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है। सूरजगढ़ सीट पर भाजपा प्रत्याशी व पूर्व सांसद संतोष अहलावत को पूर्व विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी श्रवण कुमार ने 35 हजार 653 वोटों से हरा दिया है। झुंझुनू जिले में नवलगढ़ व खेतड़ी को छोड़कर बाकी सभी पांच सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है।

चूरू जिले की तारानगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को कांग्रेस के विधायक नरेंद्र बुडानिया ने 8705 मतों से हरा दिया है। राजेंद्र राठौड़ लगातार सात बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं तथा उन्होंने चूरू सीट को छोड़कर तारानगर से चुनाव लड़ा था। जहां उन्हें हर का मुंह देखना पड़ा। सादुलपुर सीट पर बसपा के मनोज न्यांगली ने कांग्रेस की कृष्णा पूनिया को 3489 वोटो से हरा दिया। चुरू जिले की 6 सीटों में से कांग्रेस को चार, भाजपा को एक व बसपा को एक सीट मिली है।

राजस्थान की राजनीति में कहा जाता है कि जिधर शेखावाटी का मतदाता बढ़-चढ़कर मतदान करता है। उसी पार्टी की प्रदेश में सरकार बनती है। मगर इस बार ऐसा नहीं हो पाया है। शेखावाटी की दो तिहाई सीटे जीतने के बावजूद भी कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनने से वंचित रह गई है। हालांकि शेखावाटी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के चुनाव जीतने से कांग्रेस की राजनीति में उनका प्रभाव बढ़ा है। वहीं भाजपा से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ झुंझुनू के सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया के चुनाव हारने से उनकी राजनीति कमजोर पड़ेगी। शेखावाटी की कई सीटों पर भाजपा के बागी प्रत्याशी खड़े हो गए जिन्हें पार्टी नेतृत्व मना नहीं पाया जिसके चलते सीकर, झुंझुनू, पिलानी जैसी सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों को करारी हार झेलनी पड़ी। यदि भाजपा का प्रादेशिक नेतृत्व समय रहते हैं अपने बागी प्रत्याशियों को मनाने में सफल रहता तो हो सकता है इस क्षेत्र के परिणामों में कुछ बदलाव देखने को मिलता।