कोलकाता, 04 जून ।  उत्तर बंगाल की राजनीति में बुधवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। दार्जिलिंग कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी के पूर्व विधायक शंकर मालाकार ने कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्होंने कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रत बक्शी और अरूप विश्वास की उपस्थिति में तृणमूल में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की।

शंकर मालाकार के तृणमूल में  शामिल होने की खबर के बाद  प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें सभी पदों से हटा दिया था। मालाकार दार्जिलिंग जिला कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि मंगलवार को ही उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भेजकर इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को उन्होंने उस पत्र की प्रति सार्वजनिक भी की।

तृणमूल में शामिल होते ही मालाकार ने भाजपा और प्रदेश कांग्रेस दोनों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश कांग्रेस पूरी तरह अयोग्य हो चुकी है। मौजूदा नेतृत्व के पास बंगाल में किसी भी राजनीतिक ताकत से लोहा लेने की क्षमता नहीं है।

भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद से ही भाजपा उत्तर बंगाल को नुकसान पहुंचाने की साज़िश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कभी कामतापुर राज्य, कभी गोरखालैंड और अब नए राज्य के नाम पर उत्तर बंगाल के भोले-भाले लोगों को बहकाया जा रहा है।

कांग्रेस में रहते हुए भाजपा से प्रभावी तरीके से लड़ना संभव नहीं है, यह दावा करते हुए उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब केवल ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ही लड़ सकती है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि विपक्ष में रहते हुए विधायक होने के बावजूद वे आम लोगों के लिए अपेक्षित कार्य नहीं कर पाए।

शंकर मालाकार ने कहा, “मेरे अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि सत्ता में रहकर ही जनता को वास्तविक सेवा दी जा सकती है। मैं ममता बनर्जी के नेतृत्व में विकास की धारा से जुड़ना चाहता हूं।” उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके शामिल होने से उत्तर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और अधिक मजबूत होगी।