गंगाष्टकम, द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं अन्नपूर्णा स्तोत्रम का पाठ

वाराणसी, 03 दिसम्बर। नमामि गंगे के सदस्यों ने रविवार को केदार घाट से सदानीरा की स्वच्छता का आवाह्न किया । लाउडस्पीकर एवं स्वच्छता स्लोगन लिखी तख्तियों से लोगों को जागरुक किया गया।

पर्यटकों एवं स्थानीय नागरिकों के साथ सभी श्रद्धालुओं ने स्वच्छता की शपथ ली । गौरी केदारेश्वर घाट परिसर की साफ सफाई की गई । गंगाष्टकम, द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं अन्नपूर्णा स्तोत्रम का पाठ कर संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा भारत का गौरव हैं।

गंगा को माँ का दर्जा प्राप्त है। गंगा भी एक माँ की तरह सबको अपना प्यार देती है । मां गंगा का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40 फीसदआबादी गंगा के जल पर निर्भर है।

गंगा को उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड भी कहा गया है। उत्तर भारत को गंगा का वरदान मिला है । गंगा फसलों को सींचती हुए भू में प्राण भी भरती हैं । गंगा का बेसिन क्षेत्र विश्व के सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र के रूप में जाना जाता है । अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बहुत बड़ी मदद साबित होगा ।

 

राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा को हिन्दू समुदाय में पृथ्वी की सबसे अधिक पवित्र नदी माना जाता है। ऐतिहासिक रूप से गंगा के मैदान से ही हिन्दुस्तान का हृदय स्थल निर्मित है । भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा जल ही नहीं, अपितु भारत और हिन्दी साहित्य की मानवीय चेतना को भी प्रवाहित करती है। ऋग्वेद, महाभारत, रामायण एवं अनेक पुराणों में गंगा को पुण्य सलिला, पाप-नाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी, सरित्श्रेष्ठा एवं महानदी कहा गया है। जनभागीदारी से हम गंगा की पीड़ा को हरें। गंगा किनारे की स्वच्छता में अपना योगदान दें ।