
हुगली, 26 मई। अचानक आए तूफान के कारण दीवार पर एक पेड़ गिर गया और वह दीवार बिजली के खंभे पर गिर पड़ी। जिसके कारण संडेश्वरतला स्थित श्यामबाबू घाट आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी। श्यामबाबू श्मशान घाट पर अब शवदाह गृह है। चुंचुड़ा का एकमात्र श्मशान घाट गत पांच दिनों से बंद है। इस हुगली-चुंचुड़ा नगरपालिका इलाके के निवासी विद्युत शवदाह गृह में शवों का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं। इसमें नगरपालिका के अलावा कोडालिया-1 और कोडालिया-2 पंचायत, बैंडेल, देबानंदपुर, सुगंधा ग्राम पंचायत समेत आसपास के करीब 10 पंचायत क्षेत्रों के निवासी इस घाट पर शवदाह के लिए आते हैं। लेकिन अब उन्हें दाह संस्कार के लिए त्रिवेणी नयात चंदननगर श्मशान घाट जाना पड़ रहा है।
दरअसल, बुधवार 21 मई की रात कुछ सेकंड तक चले बवंडर से श्यामबाबू घाट क्षतिग्रस्त हो गया। गंगा किनारे लगे कई पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। जिसकी वजह से बिजली सेवा बाधित है। उस रात से श्मशान घाट बंद कर दिया गया है। इसके बाद पांच दिन बीत गये हैं। लेकिन श्मशान घाट अभी तक नहीं खोला गया है।
चुंचुड़ा श्मशान घाट पर एक हेवन है। जहां डीप फ्रीजर में चार शव रखे जा सकते हैं। वह सेवा भी फिलहाल बंद है।
चुंचुड़ा नगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग के नगर पार्षद जयदेव अधिकारी ने कहा कि तूफान में करीब 36 पेड़ क्षतिग्रस्त हुए थे। उन्हें काटकर हटा दिया गया है। इसमें 18 बिजली के खंभे टूट गए थे। बिजली विभाग काम कर रहा है। हालांकि, मैं यह नहीं बता सकता कि इलेक्ट्रिक फर्नेस का बिजली कनेक्शन क्यों नहीं बहाल किया गया है। उप-जिला प्रशासक से बात करने के बाद व्यवस्था की जाएगी।
चुंचुड़ा के विधायक असित मजूमदार ने कहा कि प्राकृतिक आपदा आ सकती है, लेकिन सेवाएं क्यों बंद की जाएंगी? ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई। वहां पेड़ गिरे हैं, खंभे टूटे हैं। पिछले पांच दिनों से कोई दाह संस्कार नहीं हुआ है। मैंने अगले वित्तीय वर्ष में अपने विधायक निधि से मिलने वाले पैसे से अत्याधुनिक जनरेटर लगाने का फैसला किया है।श्यामबाबू घाट इलाके के निवासियों की शिकायत है कि स्ट्रीट लाइटें काम नहीं कर रही हैं। यह इलाका गंदा है। इलाके में सांपों का डर बना हुआ है।