
गोड्डा, 22 मई (हि.स.)। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) की राजमहल परियोजना के अंतर्गत हुर्रासी खनन क्षेत्र में इन दिनों कोयले की संगठित लूट अपने चरम पर है। जानकारी के अनुसार प्रतिदिन सैकड़ों टन कोयला रास्ते में ट्रकों से उतारकर अवैध रूप से चोरी कर लिया जा रहा है। यह कोयला मोंटे कार्लो लिमिटेड की ओर से संचालित आउटसोर्सिंग खदान से ट्रकों पर लादकर 5 किलोमीटर दूर सेलो पॉइंट भेजा जाता है, जहां से आगे रेलवे द्वारा सप्लाई होती है।
हालांकि यह कोयला सफर तय करने से पहले और बाद में वेट ब्रिज से गुज़रता है, लेकिन कोयले की चोरी के बावजूद वजन में कोई अंतर नहीं दिखना पूरी प्रक्रिया पर गहरे सवाल खड़े करता है। इस तथाकथित “डबल कांटा सिस्टम” के बावजूद चोरी का पकड़ में न आना, कहीं न कहीं प्रणालीगत विफलता या मिलीभगत की ओर संकेत करता है।
स्थानीय लोगों और श्रमिकों का आरोप है कि मोंटे कार्लो कंपनी खुद इस लूट को संरक्षण दे रही है। उनका दावा है कि कंपनी के कुछ अधिकारी और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर स्थानीय संगठित गिरोहों से मिलीभगत कर कोयले की तस्करी को अंजाम दे रहे हैं।
कंपनी की लालफीताशाही और जवाबदेही की कमी के कारण ईसीएल को प्रतिदिन भारी मात्रा में कोयले की क्षति झेलनी पड़ रही है, जिसकी क्षतिपूर्ति भी कंपनी द्वारा नहीं की जा रही है।
यदि समय रहते इस संगठित कोयला तस्करी नेटवर्क पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो राजमहल परियोजना की साख, उत्पादन और सुरक्षा, तीनों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है।
स्थानीय मुखिया ललिता किस्कु ने कहा कि ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराकर गलत कार्यों से दूर करने की आवश्यकता है। कोयला चोरी घटना को रोकने के लिए प्रशासन कड़ी कार्रवाई करें।
ये है प्रमुख बिंदु
प्रतिदिन सैकड़ों टन कोयले की ट्रकों से चोरी
मोंटे कार्लो और कोयला चोरों की कथित साठगांठ
स्थानीय पुलिस पर संरक्षण देने के आरोप
दोहरे वेट ब्रिज के बावजूद चोरी का पकड़ में न आना
क्षतिपूर्ती न होने से परियोजना को आर्थिक क्षति