सैन सैल्वाडोर, 20 मई । अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले की मुखर आलोचक और प्रमुख वकील रूथ एलोनोरा लोपेज को गिरफ्तार कर लिया गया। राष्ट्रपति नायब बुकेले के इशारे पर की गई गिरफ्तारी की अधिकार समूहों ने तीखी आलोचना की है। समूहों का कहना है कि यह देश में अधिनायकवाद की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है। अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने लोपेज पर राज्य के खजाने से धन की चोरी में सहयोग करने का आरोप जड़ा है।

सीएनएन चैनल की खबर के अनुसार, अल साल्वाडोर में अधिकारियों ने राष्ट्रपति नायब बुकेले की आलोचना करने वाली प्रमुख वकील रूथ एलोनोरा लोपेज गिरफ्तार किया है। अल साल्वाडोर के अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने कहा कि अधिकार संगठन क्रिस्टोसल की भ्रष्टाचार विरोधी और न्याय इकाई की प्रमुख रूथ एलोनोरा लोपेज पर राज्य के खजाने से धन की चोरी में सहयोग करने का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी छापेमारी के दौरान की गई जांच और एकत्रित जानकारी के आधार पर की गई।

पीड़ित लोपेज की मां और उनके पति ने सोमवार को क्रिस्टोसल के नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उसे कहां रखा गया है कि यह तक नहीं बताया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी उसके घर पर झूठे बहाने से आए और उसे बाहर निकालने के लिए एक यातायात दुर्घटना का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद उसे हिरासत में लिया गया और वारंट देखने की अनुमति तक नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि वह अभी भी अटॉर्नी जनरल कार्यालय के एक्स पर पोस्ट किए गए औपचारिक आरोपों के अलावा कुछ नहीं जानते हैं।

क्रिस्टोसल में रणनीतिक मुकदमेबाजी के निदेशक अब्राहम एब्रेगो ने कहा कि इससे यह संदेश जाता है कि सरकार दमन करने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह तक नहीं बताया जा रहा कि वकील और विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लोपेज को कहां रखा गया है। लोपेज ने बुकेले सरकार की पारदर्शिता की कमी की आलोचना की है। अपराध पर नकेल कसने के लिए चल रही आपातकालीन स्थिति के दौरान दमन की निंदा की है।

लोपेज को 2024 में बीबीसी ने 100 प्रभावशाली और प्रेरक महिलाओं की सूची में शामिल किया था। वो 2009 और 2014 के बीच सुप्रीम इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल के पूर्व अध्यक्ष यूजेनियो चिकास की सलाहकार थीं। चिकास को पिछले फरवरी में गिरफ्तार किए जाने के बाद मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है।

वर्ष 2019 में पदभार ग्रहण करने के बाद से बुकेले ने देश में वर्षों से व्याप्त अपराध और गिरोह हिंसा को रोकने के लिए विवादास्पद उपाय लागू किए हैं। 2022 में सांसदों के समर्थन से उन्होंने आपातकाल घोषित किया था। यह उपाय 30 दिन तक चलने वाला था, लेकिन इसे दर्जनों बार बढ़ाया गया और आज भी जारी है। अधिकारियों के अनुसार, आपातकाल घोषित किए जाने के बाद से अब तक सुरक्षा बलों ने देश भर में लगभग 87,000 लोगों को गिरफ्तार किया है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित अंतरराष्ट्रीय समूहों ने सोमवार को संयुक्त बयान में लोपेज की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि अल साल्वाडोर में आपातकाल का इस्तेमाल “न केवल गिरोह से संबंधित हिंसा को समाप्त करने के लिए किया गया है, बल्कि आलोचनात्मक आवाजों को चुप कराने के लिए भी किया गया है।”