
कोलकाता, 18 मई ।
पश्चिम बंगाल में युवा कांग्रेस को फिलहाल बिना अध्यक्ष के ही काम चलाना होगा। राज्य में उपयुक्त अध्यक्ष नहीं मिलने के कारण राष्ट्रीय युवा कांग्रेस ने फिलहाल चार सदस्यीय ‘लीडरशिप कमेटी’ का गठन किया है। इस कमेटी में साहिना जावेद, सौरभ प्रसाद, कासिफ रेज़ा और अर्घ्य गण को शामिल किया गया है। यही चारों नेता फिलहाल पूरे राज्य में संगठनात्मक कामकाज का समन्वय करेंगे।
दरअसल, लंबे समय से बंगाल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अज़हर मलिक हाल ही में कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके पार्टी छोड़ने के बाद प्रदेश नेतृत्व के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई — नए अध्यक्ष की तलाश। संगठन के भीतर यह मांग उठी थी कि ऐसे किसी नेता को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए जो निःस्वार्थ भाव से संगठन को फिर से खड़ा कर सके। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व किसी जल्दबाज़ी में नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में अध्यक्ष पद के लिए कुल नौ नेताओं का इंटरव्यू भी लिया गया, लेकिन किसी को भी पूरी तरह उपयुक्त नहीं माना गया। ऐसे में संगठन की स्थिरता बनाए रखने के लिए अस्थायी रूप से चार नेताओं की एक कमेटी बनाकर काम आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया।
युवा कांग्रेस के संगठनात्मक नियमों के अनुसार, जब भी अध्यक्ष पद अचानक खाली होता है, तो पिछली संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने वाले एक या अधिक नेताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है। उसी नियम का पालन करते हुए बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार और उनकी टीम अब राजनीतिक रूप उसे अस्तित्व खो रही पार्टी को बचाने की जुगत में लगे हैं।
गौरतलब है कि 23 अप्रैल को अज़हर मलिक मंत्री अरूप विश्वास की उपस्थिति में तृणमूल भवन में जाकर आधिकारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। पार्टी जॉइन करते समय उन्होंने कहा था, “राहुल गांधी नहीं, सिर्फ ममता बनर्जी ही भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से हटा सकती हैं।”