
बगदाद, 17 मई । इराक की राजधानी बगदाद में आयोजित 34वें अरब लीग शिखर सम्मेलन के दौरान फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फत्ताह अल-सीसी ने गाजा पट्टी में इस्राइली सैन्य अभियान को तत्काल और स्थायी रूप से समाप्त करने की पुरजोर अपील की।
राष्ट्रपति अब्बास ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए अरब देशों से आग्रह किया कि वे एक सामूहिक अरब योजना को अपनाएं, जिसका उद्देश्य इजराइली हमलों को रोकना और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करना हो। उन्होंने कहा कि, “टिकाऊ शांति केवल इजराइली कब्जे की समाप्ति और फिलीस्तीनी जनता को उनके पूर्ण अधिकार मिलने के बाद ही संभव है।”
वहीं मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी ने गाजा में बीते 19 महीनों से जारी “व्यवस्थित अत्याचार और अमानवीय हिंसा” की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह हिंसा फिलीस्तीनी जनसंख्या को “मिटाने” का प्रयास है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका, से गाजा में मानवाधिकार संकट को समाप्त करने के लिए कड़े और प्रभावी कदम उठाने की अपील की।
राष्ट्रपति अल-सीसी ने यह भी कहा कि जैसे ही संघर्ष विराम होता है, मिस्र गाजा की पुनर्निर्माण और पुनर्बहाली के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
गाजा स्थित हमास के मीडिया कार्यालय ने सम्मेलन के प्रतिभागियों से अपील की कि वे केवल बयानबाजी तक सीमित न रहें, बल्कि व्यावहारिक और साहसिक कदम उठाएं, ताकि गाजा पर थोपे गए “अन्यायपूर्ण नाकाबंदी” को समाप्त किया जा सके और लोगों की मानवाधिकारों की रक्षा की जा सके।
हमास ने इजराइल पर दबाव बनाने और सीमा पारियों को तत्काल व बिना शर्त खोलने की मांग की ताकि खाद्य सामग्री, मानवीय सहायता और चिकित्सीय संसाधन गाजा की पीड़ित जनता तक पहुंच सकें, जो इस समय भुखमरी और जीवन संकट से जूझ रही है।
सम्मेलन में लेबनान के प्रधानमंत्री नवाफ सलाम ने भी इजराइली आक्रामकता की आलोचना की और कहा कि नवंबर 2024 में हुई समझ के बावजूद इजराइल द्वारा लेबनानी क्षेत्रों पर हमले जारी हैं। उन्होंने सदस्य देशों से अपील की कि वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव डालें ताकि इस्राइल अपने आक्रामक अभियान बंद करे और लेबनान से पूरी तरह पीछे हटे।
उल्लेखनीय है कि यह सम्मेलन इराक द्वारा 2003 के अमेरिकी आक्रमण के बाद आयोजित किया गया सिर्फ दूसरा शिखर सम्मेलन है। इससे पहले 2012 में ऐसा आयोजन हुआ था। इस बार सम्मेलन में 22 अरब लीग सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों और शीर्ष राजनयिकों के अलावा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।