नयी दिल्ली, 29 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24,104 करोड़ रुपये के “प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन)” को मंजूरी दी है।

मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में में पारित प्रस्ताव के अनुसार इस 24104 करोड़ रुपये की राशि में केंद्रीय हिस्सेदारी: 15,336 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सेदारी: 8,768 करोड़ रुपये तय की गयी है। इस अभियान की बजट भाषण 2023-24 में घोषणा की गयी थी।

मंत्रिमंडल के निर्णयों के बारे में बुधवार को दी गयी जानकारी के अनुसार देश भर में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिये, प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जायेगा। यह पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करायेगा।

अनुसूचित जनजातियों के लिये विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) को अगले तीन वर्षों में मिशन मोड में लागू करने के उद्देश्य से 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध कराई जायेगी।

गौरतलब है कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ है। इसमें से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीप समूह स्थित 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन पीवीटीजी को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।

पीएम-जनमन (केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं को मिलाकर) जनजातीय मामलों के मंत्रालय सहित नौ मंत्रालयों के माध्यम से क्रियान्वित की जायेगी।