-व्‍यापारियों ने तुर्किये-अजरबैजान के साथ कारेबार के बहिष्कार का लिया निर्णय

नई दिल्ली, 16 मई । व्‍यापारियों के संगठन कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को तुर्किये और अजरबैजान के साथ सभी कारोबारी और पर्यटन संबंधों को खत्म करने का ऐलान किया। कैट द्वारा राजधानी नई दिल्‍ली के होटल ललित में आयोजित राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देशभर से आए 125 से अधिक शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से दोनों देशों के साथ सभी कारोबारी और पर्यटन संबंधों को खत्म करने का संकल्प लिया।

कैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि देश के 24 राज्यों से आए 125 से अधिक व्यापारी प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में तुर्किये और अजरबैजान के साथ सभी कारोबारी और पर्यटन संबंधों को खत्म करने का निर्णय लिया है। इस सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल, राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन और कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और अन्‍य कारोबारी नेता मौजूद थे।

खंडेलवाल ने बताया कि राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देशभर से आए हुए 125 से ज्‍यादा शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया है कि भारत का व्यापारिक समुदाय तुर्किये और अजरबैजान के साथ हर प्रकार के व्यापार एवं व्यावसायिक संबंधों का पूर्ण बहिष्कार करेगा, जिसमें यात्रा और पर्यटन भी शामिल है। व्यापारिक समुदाय ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपील की है कि वे तुर्किये और अजरबैजान में किसी भी प्रकार की फिल्म की शूटिंग न करें। यदि कोई फिल्म वहां शूट होती है, तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसे फिल्मों का बहिष्कार करेगी। सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी कॉरपोरेट हाउस तुर्की और अज़रबैजान में अपने उत्पादों के प्रमोशन की शूटिंग नहीं करेगा।

कैट महामंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में देश के 24 राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उन सभी ताकतों का सख्ती से विरोध करने का संकल्प लिया जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं। कारोबारी नेताओ ने यह प्रस्ताव तुर्किेये और अजरबैजान के पाकिस्तान को खुला समर्थन देने के संदर्भ में पारित किया गया है, जब भारत एक संवेदनशील और गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट से गुजर रहा है। व्यापारिक समुदाय का मानना है कि यह भारत के साथ एक प्रकार का विश्वासघात है, विशेष रूप से उस मानवीय एवं कूटनीतिक सहायता को देखते हुए जो भारत और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकट के समय इन देशों को प्रदान की थी।

इससे पहले व्‍यापारियों के रार्ष्‍टीय सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कैट के रार्ष्‍टीय महासचिव एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्किये और अजरबैजान ने भारत की सद्भावना, सहायता और रणनीतिक समर्थन का लाभ उठाया है, लेकिन आज पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं, जो दुनिया में आतंकवाद को समर्थन देने वाला मुल्‍क के तौर पर जाना जाता है। उन्‍होंने कहा कि उनका यह रुख भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात है। इसके साथ ही 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का भी अपमान है।” खंडेलवाल ने कहा कि तुर्किये का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार भारत विरोधी बयान देना और पाकिस्तान की बात का समर्थन करना अस्वीकार्य है, जबकि अजरबैजान का तुर्किये के साथ खड़ा होना और पाकिस्तान के पक्ष में सार्वजनिक बयान देना भारत की दोस्ती और सहयोग करने के प्रति अनादर को दर्शाता है। भारतीय व्यापारिक समुदाय हमेशा राष्ट्र के साथ खड़ा रहा है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरतिया ने कहा कि व्यापारिक समुदाय ने दोनों देशों के प्रति अपनी तीव्र नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया है। उन्‍होंने कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए इन दोनेां देशों की नीतियों को “अकृतज्ञ और भारत विरोधी” बताया। भरतिया ने कहा कि रार्ष्‍टीय व्‍यापारी सम्मेलन में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि ऐसे देशों को भारत से किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग या व्यापारिक लाभ नहीं मिलना चाहिए। इसके अलावा कैट के रार्ष्‍टीय समम्‍मेलन में व्यापारियों ने भारत सरकार द्वारा तुर्किये की कंपनी “सेलेबी ग्राउंड हैंडलिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड” की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के निर्णय का स्वागत किया, जो भारत के नौ प्रमुख हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रदान कर रही थी। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है।