
पश्चिम सिंहभूम, 11 मई । पश्चिम सिंहभूम जिले के गंगदा पंचायत के दोदारी और आसपास के गांव इन दिनों भीषण जल संकट से जूझ रहे हैं। जलापूर्ति संयंत्र की बिजली कटने के बाद ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे लोगों में गहरा आक्रोश है।
गंगदा पंचायत के दोदारी, काशिया, पेचा, कुम्बिया, चुर्गी, ममार, लेम्ब्रे, दईया, हिनुवा, सलाई, बाईहातु, बागालडीह सहित 14 गांवों में 10 मई से जलापूर्ति पूरी तरह ठप है। दोदारी स्थित जलापूर्ति संयंत्र (डब्लूटीपी) की बिजली बकाया बिल के कारण काट दी गई है। इस वजह से महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को डेढ़-दो किलोमीटर दूर जंगल या नदी-नालों से पानी लाना पड़ रहा है।
रविवार को गांव की बुजुर्ग महिला सुकरी देवी कहती हैं, हम बूढ़े लोग अब कितनी दूर जाएंगे पानी के लिए। सरकार सिर्फ कागज पर योजनाएं बनाती है, अधिकारी कमीशन खा जाते हैं।
ग्रामीण मंगल हांसदा और सोमरा मुंडा का कहना है कि करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से बनी जलापूर्ति योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। कई जलमीनारों तक पानी पहुंचा ही नहीं, और जहां पहुंचा भी, वहां नलों से लाल, बदबूदार पानी निकलता था।
युवती फूलो सोरेन बताती हैं कि रोजाना तीन-चार बार पानी भरने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से योजना का आधा पैसा हजम कर लिया गया, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
प्रशासन की चुप्पी से ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे सलाई चौक पर मुख्य सड़क जाम करेंगे। साथ ही, उन्होंने उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। जल संकट से जूझ रहे गांवों में अब आंदोलन की तैयारी है।