गुरुग्राम में रहती हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह-भिवानी जिला के गांव बापोड़ा में ब्याही हैं व्योमिका सिंह
व्योमिका के पति भारतीय वायु सेना में हैं ग्रुप कैप्टन
पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह का गांव है बापोड़ा
गुरुग्राम, 9 मई । पहलगाम में आतंकी हमला के बाद बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर की अगुवाई करने वाली ग्रुप कैप्टन विंग कमांडर व्योमिका सिंह हरियाणा के भिवानी जिला के गांव बापोड़ा में ब्याही हैं। यह गांव पूर्व थल सेना अध्यक्ष वीके सिंह का गांव है। बापोड़ा गांव में जश्न का माहौल है और सभी ग्रामीण अपने गांव की बहु व्योमिका सिंह पर गर्व कर रहे हैं।
ग्रुप कैप्टन विंग कमांडर व्योमिका सिंह के ससुरालीजन गांव में ही रहते हैं, जबकि वे खुद अपने पति ग्रुप कैप्टन दिनेश सभ्रवाल के साथ गुरुग्राम में रहती हैं। सामाजिक कार्यक्रमों में वे गांव बापोड़ा में जाती हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मीं व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की हकीकत को जब मीडिया के माध्यम से साझा किया तो उनकी ससुराल बापोड़ा समेत पूरे हरियाणा और देश खुशी कई गुणा बढ़ गई। बेटियों के इस ऑपरेशन की कमान संभाले जाने की खुशी से लोग उस दौर में चले गए, जब माता सावित्री बाई फुले ने बेटियों को पढ़ाने का सपना देखा था। बेटियों को पढ़ाकर आगे बढ़ाने का उन्होंने काम किया। व्योमिका सिंह की ससुराल गांव बापोड़ा के ग्रामीणों का कहना है कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह बेटियों को आगे बढ़ाने की पक्षधर हैं। वे जब भी गांव में किसी कार्यक्रम में आती हैं तो गांव की बेटियों को प्रेरित करती हैं। देश सेवा के लिए बेटियों को आगे आने की प्रेरणा से बेटियां भी उनसे देश सेवा का वायदा करती हैं।
वर्ष 2017 में प्रमोशन मिलने के बाद व्योमिका सिंह को विंग कमांडर का पद मिला। इसके दो साल बाद वर्ष 2019 में उन्हें फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन दिया गया। व्योमिका वर्ष 2020 में अरुणाचल प्रदेश में चलाए गए एक विशेष बचाव अभियान में शामिल रहीं। उन्होंने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए विषम परिस्थितियों में उड़ान भरी। वर्ष 2021 में व्योमिका सिंह ने 21650 फीट ऊंचे माउंट मणिरंग पर पर्वतारोहण अभियान में भी भागीदारी की। विंग कमांडर व्योमिका ने 25 हजार घंटे से अधिक उड़ान भरने के साथ-साथ विशेष रूप से चेतक और चीता जैसे हेलिकॉप्टर को उड़ाने में महारत हासिल की।
अध्ययनरत के दौरान व्योमिका सिंह ने सेना में शामिल होकर हवाई जहाज उड़ाने के सपने देखे। वे एनसीसी में शामिल हुईं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की। इसके बाद वे सशस्त्र बल में शामिल हुईं। इस पद तक पहुंचने वाली वह अपने परिवार की पहली महिला रहीं। इसके बाद 18 दिसंबर 2019 को उन्हें हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना की उड़ान शाखा में स्थायी कमीशन मिला। देश सेवा के जुनून और जज्बे के चलते व्योमिका सिंह ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।