कोलकाता, 08 मई । मध्य कोलकाता स्थित रितुराज होटल में 29 अप्रैल की रात लगी भीषण आग में 15 लोगों की मौत के बाद पश्चिम बंगाल सरकार अब राज्यभर के सभी रूफटॉप रेस्टोरेंट्स के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) लागू करने पर विचार कर रही है। इस कदम का उद्देश्य भविष्य में आग जैसी घटनाओं की स्थिति में कानूनी जटिलताओं से बचना है।

रितुराज होटल की घटना के तुरंत बाद कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले ग्रेटर कोलकाता इलाके के सभी रूफटॉप रेस्टोरेंट्स को तत्काल बंद करने का आदेश जारी किया था। कुछ मामलों में नगर निगम और कोलकाता पुलिस की संयुक्त टीमों ने मौके पर पहुंचकर ऐसे प्रतिष्ठानों को गिराने की कार्रवाई भी शुरू कर दी थी।

हालांकि, इसके खिलाफ कई रेस्टोरेंट मालिकों ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया, जिसके बाद अदालत ने अगले आदेश तक इन विध्वंस कार्यों पर अंतरिम रोक लगा दी।

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “नगर निगम ने यह कार्रवाई इसलिए की क्योंकि अगर किसी इमारत में आग लगती है और वहां आपातकालीन निकासी का रास्ता नहीं है या वह कार्यशील नहीं है, तो इमारत की छत ही अंतिम शरणस्थली बनती है। लेकिन राज्य स्तर पर इस संबंध में कोई स्पष्ट एसओपी नहीं होने के कारण नगर निगम के फैसलों को कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ा।”

इसी स्थिति को देखते हुए अब राज्य सरकार पूरे पश्चिम बंगाल में एक समान एसओपी लागू करने की दिशा में विचार कर रही है। अधिकारी ने यह भी कहा कि नगर निगम अब राज्य के विभिन्न विभागों—जैसे कि स्थानीय नगरपालिकाएं, अग्निशमन सेवा और पुलिस विभाग—के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दे रहा है ताकि छतों और बेसमेंट में होने वाले अवैध निर्माण पर प्रभावी कार्रवाई की जा सके।

इस बीच कोलकाता नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी इमारत की छत और बेसमेंट में कोई नया निर्माण नहीं किया जा सकेगा, और नई भवन योजनाओं में इन हिस्सों को साझा क्षेत्र (कॉमन एरिया) के रूप में दिखाना अनिवार्य होगा।

जांच में यह सामने आया है कि रितुराज होटल में आग सुरक्षा के मानकों की भारी अनदेखी की गई थी। होटल में न तो समुचित निकासी व्यवस्था थी और न ही पर्याप्त वेंटिलेशन की सुविधा, जिससे इतनी बड़ी जान-माल की क्षति हुई।