
चंडीगढ़, 24 अप्रैल । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का असर पंजाब में स्थित पाकिस्तान की सीमाओं पर साफ दिखाई दिया। पंजाब के अटारी, हुसैनीवाला और सादकी बार्डर पर रोजाना होने वाली रिट्रीट सेरमनी के दौरान भारतीय सैनिक अब पाकिस्तान के रेंजरों के साथ न तो हाथ मिलाएंगे और न ही सीमा के गेट खुलेंगे।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने बुधवार की रात पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए कड़े फैसलों के बाद गुरुवार को अटारी में बीएसएफ के आला अधिकारियों की एक बैठक हुई। जिसके बाद बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि रिट्रीट समारोह के दौरान औपचारिक प्रदर्शन को कम करने का निर्णय लिया गया है। पंजाब के अटारी, हुसैनीवाला और सादकी बार्डर पर रोजाना की तरह रिट्रीट सेरमनी किया गया लेकिन इस दौरान गेट नहीं खोले गए और न ही भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी
रेंजरो से हाथ मिलाए।
उन्होंने बतायाकि अब आगामी फैसले तक रिट्रीट के दौरान भारतीय गार्ड कमांडर के पाकिस्तान में अपने समकक्ष गार्ड कमांडर के साथ हाथ मिलाने की रस्म को निलंबित कर दिया गया है। पहले यहां रिट्रीट के दौरान कुछ समय के लिए भारत व पाकिस्तान के गेट खोले जाते थे। इस दौरान दोनों देशों के जवानों की ओर से शक्ति व शौर्य का प्रदर्शन किया जाता था। अब बदले हुए हालातों में बीएसएफ ने आगामी आदेश तक रिट्रीट समारोह के दौरान गेट बंद रखने का फैसला किया है। बीएसएफ के अनुसार यह कदम सीमा पार शत्रुता पर भारत की गंभीर चिंता को दर्शाता है और इस बात की पुष्टि करता है कि शांति और उकसावे एक साथ नहीं रह सकते।
बीएसएफ की बैठक के बाद इस फैसले को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया। गुरुवार की शाम अटारी, हुसैनीवाला और सादकी बार्डर पर रिट्रीट के दौरान भारतीय जवानों की न तो पाक रेंजरों के साथ हाथ मिलाया और न ही गेट खोले गए।