
नई दिल्ली, 21 मार्च। ऑनलाइन शॉपिंग के लिए प्रमुख भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट अपने प्लेटफ़ॉर्म का विस्तार टियर-1 के साथ ही टियर-2 और टियर-3 शहरों में तेजी के साथ कर रही है, ताकि इस ऐप के जरिए ग्राहक घर बैठकर आराम से अपने मनपसंद भाषा में खरीदारी कर सकेंगे। डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर के साथ अपनी सप्लाई चेन (आपूर्ति श्रृंखला) का विस्तार फ्लिपकार्ट ने किया है, जिससे देशभर में तेजी से और अधिक कुशलता से डिलीवरी संभव हुई है।इसके अलावा कंपनी ने विक्रेताओं को और अधिक सहयोग प्रदान करने के लिए फ्लिपकार्ट ने कई सुविधाएं शुरू की हैं।
फ्लिपकार्ट प्राइवेट लिमिटेड के विस्तार और खरीदारी की जरूरतों को पूरा करने वाले भरोसेमंद ऐप के बारे में ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के बिजनेस हेड साकेत चौधरी ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत की। ऐसे में आइए जानते हैं कि उन्होंने फ्लिपकार्ट की भविष्य की योजना को लेकर क्या-क्या बताया….
टियर-2 और टियर-3 शहरों में ई-कॉमर्स का विस्तार और इस दिशा में फ्लिपकार्ट की अनूठी पहल क्या है?
देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों में ई-कॉमर्स कंपनियों का तेजी से हो रहा विस्तार इन क्षेत्रों में बढ़ते डिजिटल एडॉप्शन (स्वीकार्यता) और उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकता को दर्शाता है। फ्लिपकार्ट ने भी इस बदलाव को संभव बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। इसके लिए हमने अपने लॉजिस्टिक्स, तकनीक और विक्रेता पारिस्थितिकी तंत्र (सेलर्स इकोसिस्टम) मजबूत किया है, ताकि सभी तक आसान पहुंच सुनिश्चित किया जा सके। इन प्रमुख क्षेत्रों में फुलफिलमेंट सेंटर, सॉर्टेशन हब और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर के साथ अपनी सप्लाई चेन (आपूर्ति श्रृंखला) का विस्तार फ्लिपकार्ट ने किया है, जिससे देशभर में तेजी से और अधिक कुशलता से डिलीवरी संभव हुई है। भारत को ध्यान में रखकर तैयार मैपिंग, जियोकोडिंग और एजीवी जैसे समाधान से दूरदराज में सटीक डिलीवरी सुनिश्चित होती है।
अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कितने ग्राहकों को मौका देता है फ्लिपकार्ट? फ्लिपकार्ट 14 लाख विक्रेताओं को ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने का मौका देता है, जिससे मार्केटिंग या डिस्ट्रीब्यूशन के लिए बड़ा निवेश किए बिना ही उन्हें अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलती है। इन विक्रेताओं में से कई टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं। डिजिटल पेमेंट के बढ़ने, पारंपरिक व्यवसायों के डिजिटल होने और कंपनी के सतत नवाचार के दम पर भारत का ई-कॉमर्स परिदृश्य आगे और भी तेजी से विकास करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही एक घरेलू मार्केटप्लेस के रूप में फ्लिपकार्ट समावेशी आर्थिक विकास को गति देने और पूरे भारत में ई-कॉमर्स की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
एआई और डेटा एनालिसिस से ई-कॉमर्स पर कैसे प्रभाव पड़ रहा है?
सप्लाई चेन में एफिशिएंसी (दक्षता) और पर्सनलाइजेशन (वैयक्तिकरण) को बढ़ावा देते हुए एआई और डेटा एनालिटिक्स ई-कॉमर्स परिदृश्य में बदलाव ला रहे हैं। मांग को लेकर पूर्वानुमान एवं इंटेलीजेंट तरीके से इन्वेंटरी मैनेजमेंट से लेकर रियल टाइम रूट ऑप्टिमाइजेशन एवं फ्रॉड डिटेक्शन (धोखाधड़ी की पहचान) करने तक एआई की मदद से हम बड़े पैमाने पर बेहतर तरीके से निर्णय ले सकते हैं।
फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स ऑपरेशंस को बढ़ाने, लॉजिस्टिक्स को ऑप्टिमाइज करने और ग्राहकों एवं विक्रेताओं के अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए एआई एवं मशीन लर्निंग का लाभ उठा रहा है। एआई-संचालित जियोकोडिंग और एड्रेस इंटेलिजेंस की मदद से पते में किसी भी तरह की खामी को ठीक किया जाता है, जिससे तेज और अधिक सटीक डिलीवरी संभव होती है।
दूसरी ओर, फुलफिलमेंट सेंटर पर ऑटोमेटेड गाइडेड व्हीकल्स (एजीवी) की मदद से सॉर्टिंग बेहतर होती है, जिससे ज्यादा मांग वाले समय में तेज और सटीक निर्णय सुनिश्चित हो पाता है।
एआई-संचालित कैटलॉगिंग, ऑनबोर्डिंग और लिस्टिंग समाधान विक्रेताओं के लिए संचालन को आसान बनाते हैं, ई-कॉमर्स की दुनिया में कदम रखने की बाधाओं को कम करते हैं और डिजिटल सिस्टम की स्वीकार्यता को गति देते हैं। इसके अतिरिक्त, एआई-संचालित इनसाइट्स उत्पादों की गुणवत्ता को पहचानने और इन्वेंट्री मैनेजमेंट को ऑप्टिमाइज करने, रिटर्न को कम करने और उपलब्धता में सुधार में मदद करते हैं।
फ्लिपकार्ट किन क्षेत्रों में एआई का लाभ उठा रहा और यह कितना प्रभावी रहा है?ग्राहकों की नजर से देखें, तो उत्पादों की तस्वीर एवं विवरण तैयार करके जनरेटिव एआई कैटलॉगिंग में क्रांति ला रहा है। इससे पारंपरिक तरीके से फोटोशूट कराने की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
एआई ग्राहकों के लिए खरीदारी के उनके सफर को पर्सनलाइज बनाता है। उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से प्रोडक्ट रिकमेंड किए जाते हैं। साथ ही, बहुभाषी इंटरफेस (12 क्षेत्रीय भाषाएं) और वर्चुअल ट्राई-ऑन व स्किन एनालाइजर जैसे इंटरैक्टिव टूल भी प्रदान किए जाते हैं, जिससे फैशन और ब्यूटी शॉपिंग का अनुभव बेहतर होता है।
इसके अलावा, एआई-संचालित मैपिंग तकनीक से ट्रकों को रियल टाइम में ट्रैक किया जाता है, जिससे बिना किसी बाधा के सप्लाई चेन मैनेजमेंट संभव होता है। एआई में इस प्रगति से दक्षता में सुधार आया है, लागत कम हुई है और ज्यादा स्मार्ट एवं समावेशी डिजिटल शॉपिंग इकोसिस्टम बना है। इससे भारत के ई-कॉमर्स परिदृश्य में फ्लिपकार्ट के नेतृत्व को मजबूती मिली है।
व्यापार एवं मार्केट डायनामिक्स पर कैसे प्रभाव पड़ रहा है?
ई-कॉमर्स ने छोटे और मध्यम व्यवसायों (एमएसएमई) के विकास में मदद की है, जिससे वे अपनी पहुंच बढ़ा सके, कामकाजी तरीके को बेहतर बना सके और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में योगदान दे सके। तकनीक एवं नवाचार का लाभ उठाकर एमएसएमई अब महानगरों के साथ-साथ टियर-2 और टियर-3 शहरों के ग्राहकों से जुड़ सकते हैं, राजस्व के नए अवसर तलाश सकते हैं और बड़ी पूंजी का निवेश किए बिना ही अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं। अपने प्लेटफॉर्म पर 14 लाख विक्रेताओं के साथ फ्लिपकार्ट उन्हें देशभर के ग्राहकों तक आसान पहुंच प्रदान करता है। साथ ही स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर तैयार समाधानों, तकनीक आधारित नवाचार एवं डेटिकेटेड सेलर सपोर्ट के माध्यम से उन्हें अपने व्यवसायों को बढ़ाने में मदद करता है। इससे ज्यादा से ज्यादा ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग की ओर रुख कर रहे हैं।
विक्रेताओं के लिए शुरू की गईं सुविधाएं
फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम:- यह एक समर्पित पहल है, जो कारीगरों, बुनकरों और उपेक्षित उद्यमियों को ऑनलाइन सफल होने के लिए ऑनबोर्डिंग समर्थन, प्रशिक्षण और बाजार की जानकारी प्रदान करती है।
एआई-संचालित कैटलॉगिंग:- यह तकनीक द्वारा संचालित समाधान है, जो प्रोडक्ट लिस्टिंग को आसान बनाता है एवं कैटलॉग की गुणवत्ता को बढ़ाता है, जिससे विक्रेता अपने उत्पादों को पेशेवर तरीके से प्रदर्शित कर पाते हैं।
विक्रेता कॉन्क्लेव:- ये ऐसे नॉलेज-शेयरिंग प्लेटफॉर्म हैं, जो उद्यमियों को इंडस्ट्री ट्रेंड, कंज्यूमर इनसाइट्स और व्यवसाय को ऑप्टिमाइज करने के लिए जरूरी उपकरण से लैस करते हैं।
आसान ऑनबोर्डिंग:- ऑनबोर्डिंग की एक सहज और तेज प्रक्रिया जो नए विक्रेताओं के लिए बाधाओं को कम करती है और उन्हें ई-कॉमर्स पर अपने सफर को आसानी से शुरू करने में सक्षम बनाती है।