
नई दिल्ली, 21 मार्च । देश के सर्वोच्च मानक निकाय भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मानकीकरण का वार्षिक कार्यक्रम (एपीएस) शुरू किया है। यह पहल विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने के लिए नए मानक तैयार करने और मौजूदा मानकों को संशोधित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि एपीएस की शुरुआत 5 से 11 मार्च, 2025 तक आयोजित व्यापक हितधारक परामर्श के बाद हुई है, जिसमें 40 मंत्रालयों और 84 उद्योग संघों के प्रतिनिधि शामिल थे। बीआईएस ने एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी पेश किया है, जो हितधारकों को मानकों का प्रस्ताव करने और उनकी प्रगति पर नज़र रखने की अनुमति देता है। इसका उद्देश्य 23,000 से अधिक बीआईएस मानकों को अधिक से अधिक अपनाने में मदद करना है।
मंत्रालय के मुताबिक इस अवसर पर बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने अपने संबोधन में सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने हितधारकों से मानकीकरण प्रक्रिया में सक्रिय रूप से योगदान देने और जहां जरूरी हो वहां विशेषज्ञों को नामित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “यह पहल मानकीकरण के लिए एक रणनीतिक, आवश्यकता-आधारित दृष्टिकोण सुनिश्चित करेगी, महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा देगी।”
बीआईएस मानकीकरण प्रकोष्ठों के माध्यम से मंत्रालयों और उद्योग संघों के साथ मिलकर काम करता है, जिसका उद्देश्य कमियों की पहचान करना और राष्ट्रीय मानकों के निर्माण में भाग लेना है। वर्ष 2025-26 के लिए एपीएस तैयार करने के लिए परामर्श बैठकों से पहले, बीआईएस ने 24 अगस्त से 25 जनवरी तक फोकस समूह बैठकों की एक शृंखला के साथ-साथ भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं और मिशनों के विरुद्ध भारतीय मानकों का व्यापक समन्वय अभ्यास किया। एपीएस 2025-26 से प्राथमिकता मानकों के बनाने में उल्लेखनीय वृद्धि होने, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में व्यापक रूप से अपनाने और निर्बाध कार्यान्वयन को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।