
अलीपुरद्वार, 20 मार्च । अलीपुरद्वार-2 नंबर ब्लॉक का 90 साल पुराना पारंपरिक अष्टमी स्नान मेला इस बार तीन दिनों तक चलेगा। यह मेला सालसला बाड़ी में गदाधर नदी के तट पर से एक दिन के लिए लगता आ रहा है।
इस बार मेला समिति ने तीन दिन मेला लगाने का निर्णय लिया है। प्रशासनिक अनुमति भी मिल गयी है। जिसके बाद से तैयारियां भी शुरू हो चुकी है। वहीं मेले का दिन बढ़ाने के फैसले से स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है।
उल्लेखनीय है कि 1936 से इस क्षेत्र में बसंती पूजा एवं अष्टमी स्नान एवं मेले की शुरुआत हुई थी। इस स्नान और मेले की खास बात यह है कि अष्टमी के दिन स्नान के बाद हर कोई दोस्त बनाता है। इतना ही नहीं यहां ठाकुर की पूजा नमक से की जाती है क्योंकि माना जाता है कि नमक के साथ कसम खाने से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हालांकि, गदाधर नदी के कटाव के कारण इलाके के बसंती ठाकुर के मंदिर को नुकसान हो रहा है। मेला एवं पूजा समिति की शिकायत थी कि प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद बांध का निर्माण नहीं कराया जा रहा है।
मेले के आयोजकों ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता रातुल विश्वास के प्रस्ताव पर इस बार तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है।
मेला एवं पूजा समिति के सचिव नृपेंद्र नाथ बर्मन ने कहा कि सभी धर्मों के लोग अपने मतभेद भुलाकर मेले में पहुंचते है। इस मेले में असम, भूटान, नेपाल से भी कई पर्यटक आते हैं।
मेला समिति के अध्यक्ष रंजन देव अधिकारी ने कहा कि भागवत गीता पाठ, बाउल संगीत और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले का विशेष आकर्षण हैं। इसके अलावा मेले में विभिन्न दुकानें भी लगेंगी।