पेशेवर बातचीत के अलावा भारत की जहाज निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा

​नई दिल्ली, 17 मार्च । भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी) आईसीजीएस सक्षम ने हिंद महासागर क्षेत्र के मित्र देशों में अपनी चल रही विदेशी तैनाती के तहत मेडागास्कर के एंटसिरानाना बंदरगाह का दौरा किया। यह यात्रा भारत और मेडागास्कर के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मेडागास्कर में आईसीजीएस सक्षम की तैनाती हिंद महासागर देशों के साथ मधुर संबंधों को बढ़ावा देने के मकसद से की गई है।

आईसीजी के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि यात्रा के दौरान आईसीजीएस सक्षम का चालक दल मेडागास्कर तटरक्षक बल के साथ पेशेवर बातचीत करेगा, जिसमें समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया (एमपीआर), समुद्री खोज और बचाव (एम-एसएआर) और समुद्री कानून प्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। गतिविधियों में क्रॉस-डेक प्रशिक्षण, संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम और मैत्रीपूर्ण खेल प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय तटरक्षक बल और उसके मेडागास्कर समकक्षों के बीच संबंधों को मजबूत करना है। साथ ही भारत की जहाज निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन करना है।

आईसीजीएस सक्षम मेडागास्कर की समुद्री एजेंसियों को समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया (एमपीआर) में विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यह प्रशिक्षण तेल रिसाव, रासायनिक रिसाव और समुद्री प्रदूषण से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर केंद्रित होगा। यह प्रशिक्षण मेडागास्कर की समुद्री एजेंसियों की पर्यावरणीय आपात स्थितियों से निपटने की क्षमता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे क्षेत्र में एक सुरक्षित और अधिक टिकाऊ समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा आईसीजीएस सक्षम पर सवार 10 राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेट और 10 असम राइफल्स के जवान स्थानीय युवा संगठनों के सहयोग से समुद्र तट की सफाई और जागरुकता कार्यक्रमों जैसी पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों में भाग लेंगे।

उन्होंने बताया कि मेडागास्कर में आईसीजीएस सक्षम की तैनाती हिंद महासागर के देशों के साथ मधुर संबंधों को बढ़ावा देने, समुद्री सहयोग के माध्यम से मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह पहल भारत सरकार के ‘पुनीत सागर अभियान’ में योगदान देने के साथ ही समुद्री प्रदूषण के प्रभावों के प्रति नागरिकों को संवेदनशील बनाने के लिए की गई है। यह विदेशी तैनाती द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय तटरक्षक बल की प्रतिबद्धता के अनुरूप है और क्षेत्र में समुद्रों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रमुख समुद्री एजेंसियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।——