कोलकाता, 18 अक्टूबर । कोलकाता में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी जांच में एक बड़ा मोड़ आया है। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने सरकारी गवाह बनने का फैसला किया था, और अब उन्होंने गुप्त रूप से अपनी गवाही दर्ज करवा दी है। इस कदम से पार्थ चटर्जी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

कुछ समय पहले कल्याणमय भट्टाचार्य ने अदालत में अर्जी देकर सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई थी, जिसे बैंकशाल स्थित ईडी की विशेष अदालत ने मंजूर कर लिया था। इसके बाद अदालत ने उन्हें आदेश दिया कि वे महानगर और जिला अदालत के 20वें न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने गुप्त गवाही दें। मंगलवार को उन्होंने अदालत में अपनी गवाही दर्ज करवाई। ईडी के मुताबिक, 26 और 31 मार्च को इस मामले में पार्थ चटर्जी के खिलाफ और भी दो गवाह अदालत में पेश हो सकते हैं।

ईडी का आरोप है कि पार्थ चटर्जी ने इस भ्रष्टाचार में अपनी पत्नी, बेटी और दामाद को भी शामिल किया था। जांच के दौरान सामने आया कि पश्चिम मेदिनीपुर के पिंगला इलाके के एक निजी स्कूल से जुड़े दस्तावेजों में पार्थ चटर्जी की बेटी और दामाद का नाम सामने आया। अमेरिका में रहकर कल्याणमय भट्टाचार्य ने कई कंपनियों और ट्रस्टों का संचालन किया, जिनके जरिए बड़े पैमाने पर जमीन खरीदने के सबूत मिले हैं।

ईडी सूत्रों के अनुसार, जब कल्याणमय से पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि पार्थ चटर्जी के दबाव में आकर उन्हें भ्रष्टाचार में शामिल होना पड़ा। जांच के दौरान उनके विदेश जाने पर भी रोक लगा दी गई थी, और अब बिना अदालत की अनुमति के वे कोलकाता नहीं छोड़ सकते। हालांकि, गुप्त गवाही देने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वे विदेश यात्रा की अनुमति मांग सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि कल्याणमय भट्टाचार्य की गवाही पार्थ चटर्जी के खिलाफ मामले को और मजबूत बना सकती है। अगर अन्य गवाह भी अदालत में उनके खिलाफ बयान देते हैं, तो जांच एजेंसियों के पास उनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाने का मौका मिलेगा।