कोलकाता, 17 मार्च । तृणमूल कांग्रेस के सांसद संसद के बजट सत्र के बचे हुए दिनों में मतदाताओं के डुप्लीकेट ईपीआईसी (निर्वाचक फोटो पहचान पत्र) नंबर और फर्जी आधार कार्ड के मुद्दे को जोरशोर से उठाएंगे।

पार्टी के एक लोकसभा सांसद ने सोमवार को बताया कि हाल ही में पार्टी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग (ईसीआई) के पूर्ण पीठ को जो ज्ञापन सौंपा था, उसमें इन दोनों गंभीर मुद्दों का उल्लेख किया गया था। अब पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद लोकसभा और राज्यसभा में इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अन्य गैर-भाजपा दलों के साथ समन्वय स्थापित करने के पक्ष में है, ताकि संसद में विपक्ष की आवाज को एकजुट किया जा सके। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के रुख पर असंतोष जताते हुए कहा कि पार्टी विपक्षी दलों के बीच समन्वय बनाए रखने को लेकर अपेक्षित गंभीरता नहीं दिखा रही है।

तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि कम से कम इन दो मुद्दों पर कांग्रेस अधिक लचीलापन दिखाएगी और विपक्षी एकता को मजबूत करेगी।”

तृणमूल कांग्रेस की मुख्य मांग है कि चुनाव आयोग देशभर में मौजूद डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबरों की सटीक संख्या और उनकी राज्यवार सूची जारी करे। साथ ही, स्पष्ट किया जाए कि जिन मतदाताओं के पास डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर हैं, क्या उन्हें मतदान से वंचित किया जाएगा।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पहले ही इस मुद्दे पर चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठा चुकी है। पार्टी का आरोप है कि आयोग ने डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबरों की मौजूदगी की जानकारी दबाई और यह तथ्य तब सामने आया जब ममता बनर्जी ने इसे सार्वजनिक किया।

पार्टी का कहना है कि दो मतदाताओं को एक ही ईपीआईसी नंबर देना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 28 का उल्लंघन है और इस पर आयोग को तत्काल सफाई देनी चाहिए।