काठमांडू, 14 मार्च । नेपाल में राजसंस्था के पक्षधरों की सक्रियता का मुकाबला करने के लिए प्रतिपक्षी मोर्चा ने शक्ति प्रदर्शन करने का फैसला किया है। विपक्षी मोर्चा की बैठक में लिए 28 मार्च को शक्ति प्रदर्शन का निर्णय लिया गया है।

माओवादी अध्यक्ष पुष्पकमल दहाल प्रचण्ड के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई विपक्षी मोर्चा की बैठक में राजा के पक्षधरों की सक्रियता को गंभीर मानते हुए इस पर चिंता व्यक्त की गई। विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र पर खतरे का संकेत बताया है। बैठक के बाद माओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड ने कहा कि जनता के आन्दोलन से प्राप्त उपलब्धि को समाप्त करने के लिए पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र की सक्रियता देश के लिए खतरे का संकेत है।

प्रचण्ड का कहना है कि राजा को सक्रिय करने के लिए विदेशी शक्तियों की भूमिका दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती का सामना करने के लिए विपक्षी मोर्चा की तरफ से 28 मार्च को काठमांडू में विशाल शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा। प्रचण्ड का कहना है कि यह प्रदर्शन राजसंस्था वालों को काउंटर करने के लिए ही किया जा रहा है ताकि वे लोग यह न समझें कि इस देश में लोकतंत्र के पक्ष में कोई नहीं है।

विपक्षी मोर्चा में आबद्ध एकीकृत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल ने बताया कि देश के लोकतंत्र, गणतंत्र, संघीयता और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए राजनीतिक दलों को एकजुट होने का आह्वान किया गया है। माधव नेपाल ने विपक्षी मोर्चे के शक्ति प्रदर्शन को सरकार में सहभागी दलों को भी साथ देने की अपील की है।