गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु रही मुख्यातिथिदीक्षांत समारोह में दी गई 2090 डिग्रियां

हिसार, 10 मार्च । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि युवा पीढ़ी को बदलती वैश्विक मांगों के लिए तैयार करना उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है। देश के संतुलित एवं सतत विकास के लिए यह भी आवश्यक है कि शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी का लाभ गांवों तक पहुंचे। इस संदर्भ में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सोमवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के छठे दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रही थीं। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने की। इस अवसर पर जनस्वास्थ्य एवं लोक निर्माण विभाग मंत्री रणबीर सिंह गंगवा भी उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई के नेतृत्व में किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस विश्वविद्यालय में छोटे शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विद्यार्थी आते हैं। उन्होंने उन विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने गांव एवं शहर के लोगों को शिक्षा के महत्व से अवगत कराएं तथा उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें।

गुरु जम्भेश्वर जी महाराज को किया यादराष्ट्रपति ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी, जिनके सम्मान में इस विश्वविद्यालय का नाम रखा गया है, एक महान संत और दार्शनिक थे। वे वैज्ञानिक सोच, नैतिक जीवन शैली और पर्यावरण संरक्षण के प्रबल समर्थक थे। उनका मानना था कि प्रकृति की रक्षा करना, सभी जीवों के प्रति दया और करुणा रखना तथा उन्हें संरक्षण प्रदान करना मनुष्य की नैतिक जिम्मेदारी है। आज जब हम पर्यावरण संबंधी समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं, तो गुरु जम्भेश्वर जी की शिक्षाएं बहुत प्रासंगिक हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी गुरु जम्भेश्वर जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज और देश की प्रगति में अपना योगदान देते रहेंगे।