
काठमांडू, 06 मार्च । भुवनेश्वर में स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय (केआईआईटी) में एक नेपाली छात्रा की संदेहास्पद अवस्था में मौत के बाद तनावग्रस्त माहौल के कारण नेपाल आए छात्रों में से 80 प्रतिशत ओडिशा लौट चुके हैं। नेपाल से लौटे छात्रों ने दोबारा विश्वविद्यालय के निर्धारित पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू कर दी है। आत्महत्या कांड के बाद नेपाल लौटे बाकी छात्र भी ओडिशा को लौटने को तैयार हैं।
ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी निजी डीम्ड विश्वविद्यालय है। नेपाल की रहने वाली इंजीनियरिंग कॉलेज में बी-टेक तृतीय वर्ष की छात्रा प्रकृति लामसाल की पिछले माह कालेज के होस्टल में संदेहास्पद अवस्था मौत हो गई थी। कैम्पस में नेपाली छात्रों के बीच तनाव फैल गया. उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद उनको जबरन हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद पनपे तनावग्रस्त माहौल के कारण नेपाल के छात्र-छात्राएं नेपाल लौट गए थे। अब कालेज का माहौल शांत होने के बाद छात्र-छात्राओं ने केआईआईटी लौटना शुरू कर दिया है।
केआईआईटी के उपकुलपति शरणजीत सिंह ने गुरुवार को कहा कि बुधवार रात 9 बजे तक 80 प्रतिशत नेपाली छात्रों की वापसी हो चुकी है। इस समय विश्वविद्यालय से बाहर गए 1169 नेपाली छात्रों में 913 छात्र वापस लौट कर नियमित अध्ययन के काम में लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब तक नहीं लौटे छात्रों के अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर उन्हें वापस बुलाने का प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास में पत्रभेज कर छात्रों की वापसी में सहयोग करने का आग्रह किया है। भारत में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर शर्मा ने कहा कि उनकी तरफ से भी छात्रों से कालेज लौटकर अपनी पढ़ाई पूरी करने का बार-बार आग्रह किया जा रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने खर्चे पर सभी छात्रों की वापसी करवा रहा है।
उपकुलपति शरणजीत सिंह ने यह भी जानकारी दी है कि नेपाली छात्रों के लिए अलग से कक्षा का संचालन करके उनकी छूटी पढ़ाई को पूरा करने की व्यवस्था भी की गई है। उनका यह भी कहना है कि जो नेपाली छात्र इस बार परीक्षा में नहीं शामिल हो पाए हैं, उनके लिए अलग से परीक्षा लेने की व्यवस्था भी की गई है।