
पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे व ब्रिटिश नागरिकों के अपहरणकर्ता भी छिपे थे गाजियाबाद में
गाजियाबाद, 6 मार्च । वेस्ट यूपी का औद्योगिक नगर एवं देश की राजधानी दिल्ली से सटा गाजियाबाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए बब्बर खालसा के संदिग्ध आंतकी लाजर मसीह के तार गाजियाबाद से जुड़ रहे हैं। दरअसल संदिग्ध आतंकी ने गाजियाबाद से फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। इस खुलासे के बाद पुलिस-प्रशासन में खलबली का आलम हैं, वहीं खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां उन लोगों को खंगालने में जुट गई हैं, जिनकी मदद से फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया था। हालांकि गाजियाबाद में यह पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले भी पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे व ब्रिटिश नागरिकों के अपहरणकर्ताओं ने यहां पर पनाह ली थी।
उत्तर प्रदेश के जिला कौशाम्बी से गुरुवार को तड़के बब्बर खालसा इंटरनेशल (बीकेआई) के संंदिग्ध आतंकवादी लाजर मसीह को गिरफ्तार किया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार के मुताबिक संदिग्ध आतंकी के बाद से जोे आधार कार्ड बरामद किया गया है, वह गाजियाबाद से बनवाया गया था। इस खुलासे के बाद जहां पुलिस व खुफिया एजेंसियां एक्टिव हो गयी हैं।वहीं देश की राजधानी से सटे गाजियाबाद में संदिग्ध आतंकी रहा, लेकिन किसी को कानोंकान खबर नहीं लगी, इसे लेकर भी सभी हतप्रभ हैं। हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं हैं। गाजियाबाद पूर्व में भी आतंकीं पनाह लेते रहे हैं। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में हत्या हुई थी। वहां से भागकर हत्यारे महानगर के नन्द ग्राम में छिप कर रहे थे। इसी तरह वर्ष 1994 में जैश ए मोहम्मद के आतंकी मसूरी में रहे थे। उन्होंने ब्रिटिश मूल के तीन नागरिकों का अपहरण किया और सहारनपुर में ले जाकर रखा था। विदेशी नागरिकों को छुड़ाने के दौरान हुई आतंकियों से मुठभेड़ में साहिबाबाद थाने के तत्कालीन इंसपेक्टर ध्रुवलाल यादव बलिदान हो गए थे। इस दौरान पुलिस ने पाक आतंकवादी अजहर मसूद व शेखर उमर सईद को गिरफ्तार किया था। इन आतंकवादियों को ही रिहा कराने के लिए उनके साथियों ने साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आइसी -814 का काठमांडू से अपहरण किया था।
यह सिलिसला यहीं नहीं थम रहा है। वर्ष 1987 में कुख्यात आतंकी कश्मीरा सिंह ने साहिबाबाद अप्सरा बार्डर व शाहदरा में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट किए थे। साहिबाबाद में ही वह साइकिल बम ले जाते हुए विस्फोट में घायल हो गया था। घायल कश्मीरा सिंह ने पुलिस को बताया था कि यह विस्फोट उसने लंदन स्थित खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के इशारे पर किया था। इसके बाद दुहाई और मुरादनगर के बीच 27 अप्रैल 1996 में हुए बस में हुए विस्फोट में 15 लोगों की मौत हुई थी। चालीस लोग जख्मी हुए थे। यह बस रुड़की डिपो की थी और दिल्ली से रुड़की जा रही थी। आतंकियों ने फ्रंटियर मेल की कई बोगियों में हुए सीरियल बम विस्फोट में 19 लोगों की जान गई थी। इसमें कभी गाजियाबाद का हिस्सा रहे पिलखुआ निवासी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा का नाम प्रकाश में आया था। हालांकि लंबी सुनवाई के बाद में अब्दुल करीम को अदालत ने बरी कर दिया गया था।
इसी तरह लाल किला बम विस्फोट कांड के आतंकियों के तार भी गाजियाबाद से जुड़े थे। पकड़े गए एक पाकिस्तानी आंतकवादी के पास से मिला ड्राइविग लाइसेंस गाजियाबाद में कैला भट्टा के पते पर बनाया गया था। इन वारदातों के अलावा और भी कई ऐसी घटनाएं हुई हैं। जिनमें आतंकवादियों के तार गाजियाबाद से जुड़े रहे हैं। बिजनौर में 2016 में हुई एनआइए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद व उनकी पत्नी की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त रहे आतंकी मुनीर गाजियाबाद आकर रुका था। बाद में पुलिस ने उसे एबीइएस कालेज के पास की एक कालोनी से गिरफ्तार किया था।
उधर गाजियाबाद के डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि बब्बर खालसा के संदिग्ध आतंकी के आधार कार्ड महानगर से बनाए जाने की जानकारी के बाद
पुलिस व अन्य खुफिया एजेंसिया एक्टिव हो गयी हैं। साथ ही संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।