
नई दिल्ली, 5 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) अनुसंधान के लिए एक राष्ट्रीय वृहद भाषा मॉडल (एलएलएम) स्थापित करेगा। उन्होंने उद्योगों से इस क्षेत्र में निवेश के लिए कहा।
प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार सृजन पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का केन्द्रीय बजट मजबूत कार्यबल और बढ़ती अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करता है।
मोदी ने कहा कि देश का भविष्य इनोवेशन में किए जा रहे निवेश से निर्धारित होता है। भारत की अर्थव्यवस्था में एआई कई लाख करोड़ रुपये की ग्रोथ दे सकती है। उन्होंने कहा कि भारत एआई की क्षमताओं को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय वृहद भाषा मॉडल (एलएलएम) की स्थापना भी करेगा। इस दिशा में हमारे प्राइवेट सेक्टर को भी दुनिया से एक कदम आगे रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक विश्वसनीय, सुरक्षित और लोकतांत्रिक देश जो एआई में किफायती समाधान दे सके विश्व को उसका इंतज़ार है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश एक ऐसी थीम है, जो विकसित भारत के रोडमैप को परिभाषित करती है। इस साल के बजट में इसका प्रभाव भी बहुत बड़े स्तर पर दिख रहा है। इसलिए ये बजट भारत के भविष्य का ब्लूप्रिंट बनकर सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमने निवेश में जितनी प्राथमिकता बुनियादी ढांचे और उद्योगों को दी है, उतनी ही प्राथमिकता लोगों, अर्थव्यवस्था और इनोवेशन को भी दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों में निवेश का विजन शिक्षा, कौशल और स्वास्थ्य सेवा जैसे तीन स्तंभों पर खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि आज भारत का शिक्षा प्रणाली कई दशक के बाद कितने बड़े परिवर्तन से गुजर रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, आईआईटी का विस्तार, शिक्षा में तकनीक को शामिल करना, एआई का इस्तेमाल और 22 भारतीय भाषाओं में शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराना जैसे बड़े कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 से अब तक 3 करोड़ से ज्यादा युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया है। हमने एक हजार आईटीआई संस्थानों को अपग्रेड करने और 5 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का ऐलान किया है। हमारा लक्ष्य युवाओं को ऐसी ट्रेनिंग देना है, जो इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा कर सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने युवाओं को नए अवसर और व्यावहारिक कौशल देने के लिए पीएम इंटर्नशिप योजना शुरू की है। इस योजना में हर स्केल पर ज्यादा से ज्यादा उद्योगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि हमने इस बजट में 10 हजार अतिरिक्त मेडिकल सीटों की घोषणा की है। हम अगले 5 सालों में मेडिकल लाइन में 75 हजार सीटें जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टेलीमेडिसिन सुविधा का विस्तार हो रहा है। डे-केयर कैंसर सेंटर और डिजिटल हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए हम गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को लास्ट माइल तक पहुंचाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में हमने अर्थव्यवस्था में निवेश को भविष्योन्मुखी सोच के साथ देखा है। 2047 तक भारत की शहरी आबादी लगभग 90 करोड़ तक होने का अनुमान है। ऐसे में इतनी बड़ी आबादी के लिए शहरीकरण की योजना की जरूरत है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड बनाने की पहल की है।
प्रधानमंत्री ने पर्यटन की संभावनाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि देश की जीडीपी में पर्यटन क्षेत्र का 10 प्रतिशत तक योगदान रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में करोड़ों युवाओं को रोजगार देने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि इस बजट में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिये गए हैं। देश भर में 50 गंतव्यों को टूरिज्म पर फोकस करते हुए विकसित किया जाएगा। इन गंतव्यों में होटलों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिए जाने से पर्यटन में आसानी बढ़ेगी, स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस बजट में कई कदम उठाए हैं। रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड पास किया गया है। इससे डीप टेक फंड ऑफ फंड्स के साथ उभरते क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्ञान भारतम मिशन के माध्यम से भारत की समृद्ध पांडुलिपि विरासत को संरक्षित करने की घोषणा बहुत ही अहम है। इस मिशन के माध्यम से एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को डिजिटल फॉर्म में बदला जाएगा।