नई दिल्ली, 28 फ़रवरी  कांग्रेस ने देश में किसानों की बदहाली पर गंभीर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दिए जाने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि किसानों काे एमएसपी की गारंटी दिये बिना उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो सकता है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक अभय दुबे ने आज कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत सरकार ने समर्थन मूल्य को पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने के लिए एक समिति बनाई थी। 22 फरवरी 2025 तक इस समिति की करीब 7 मीटिंग और उप समिति की 39 मीटिंग हुई हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ 22 फरवरी को देश के कृषि मंत्री भोपाल से दिल्ली के लिए उड़ान भरते हैं। यात्रा में उन्हें विमान की कुर्सी पर बैठने में तकलीफ होती है और वे सोशल मीडिया पर कोहराम मचा देते हैं। दूसरी तरफ किसान बीते कई साल से यातनाएं भोग रहे हैं लेकिन उनके बारे में कोई बात नहीं करता।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने किसानों को पहले दिया जा रहा बोनस बंद कर दिया और वादा करने के बावजूद लागत का 50% से ऊपर समर्थन मूल्य नहीं दिया। उन्होंने कहा कि देश में सोयाबीन का उत्पादन दो प्रमुख प्रांत करते हैं। लगभग 90% सोयाबीन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में पैदा होता है। महाराष्ट्र चुनाव के समय वहां के किसानों ने कहा कि सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4,892 रुपये प्रति क्विंटल है लेकिन हमें उससे भी कम कीमत मिल रही है। इसलिए सरकार उसका संज्ञान ले। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी भाषण में कहा कि सोयाबीन के लिए 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल देंगे लेकिन अब तक कुछ भी नहीं किया गया। इसके विपरीत खेती की लागत 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर बढ़ गई।

अभय दुबे ने कहा कि कृषि से जुड़ी संसदीय स्थाई समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी दिए बिना किसानों की आमदनी का समाधान नहीं हो सकता लेकिन सरकार किसानों से बेहद कम फसल खरीद रही है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।